बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र को यूरोप में आयोजित EUBCE 2025 सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

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वाराणसी – बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के पूर्व छात्र और वर्तमान में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU), लुधियाना में एग्रोनॉमी विभाग के पीएचडी शोधार्थी ऋजु प्रताप सिंह को 33वें यूरोपीय बॉयोमास सम्मेलन और प्रदर्शनी (EUBCE 2025) में स्टूडेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह सम्मेलन बायोमास और सतत जैव ऊर्जा के क्षेत्र में यूरोप का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित वैश्विक मंच है।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र को यूरोप में आयोजित EUBCE 2025 सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

इस पुरस्कार की विशेष बात यह रही कि ऋजु पूरे सम्मेलन में सम्मानित होने वाले एकमात्र भारतीय छात्र थे, जो भारतीय शोध की वैश्विक पहचान और गुणवत्ता को दर्शाता है। यह पुरस्कार उन्हें उनके मास्टर्स शोधकार्य के लिए प्रदान किया गया, जो बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान (IAS, BHU) में अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान (IRRI) के सहयोग से किया गया था। उनके शोध में यह सिद्ध हुआ कि संरक्षण कृषि (Conservation Agriculture) जैसे टिकाऊ खेती पद्धतियाँ पारंपरिक महंगे और संसाधन-प्रधान तरीकों की तुलना में दीर्घकालीन रूप से अधिक लाभकारी हैं।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र को यूरोप में आयोजित EUBCE 2025 सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

वाराणसी निवासी ऋजु प्रताप सिंह ने अपनी स्नातक (B.Sc. Agriculture) और स्नातकोत्तर (M.Sc. Agronomy) की पढ़ाई IAS, BHU से की है। वे इस संस्थान और इसके विद्वान शिक्षकों को अपने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने और देश के किसानों की सेवा का संकल्प देने का श्रेय देते हैं—जो बीएचयू के संस्थापक पं. महामना मदन मोहन मालवीय जी की विचारधारा से प्रेरित है।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र को यूरोप में आयोजित EUBCE 2025 सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

इस उपलब्धि पर ऋजु ने कहा, “यह पुरस्कार केवल मेरी मेहनत का सम्मान नहीं है, बल्कि यह BHU जैसे संस्थानों में होने वाले उच्च स्तरीय शोध और शिक्षकों के समर्पण को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्शाता है।”वर्तमान में वे पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में पीएचडी कर रहे हैं और उनका शोध जलवायु-संवेदनशील कृषि पद्धतियों, मिट्टी की कार्बन वृद्धि, और संसाधनों के कुशल प्रबंधन पर केंद्रित है। उनका लक्ष्य है कि वे अपने शोध और नवाचारों के माध्यम से किसानों की आय और खेती की स्थिरता को बढ़ावा दें, जिससे देश के कृषि क्षेत्र को मजबूती मिले।








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