हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू हुई एकीकृत पेंशन योजना, जानें OPS से कितनी है अलग?

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चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार (Haryana Govt) द्वारा कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना को लागू किया गया है. बता दें कि काफी समय से कर्मचारी संगठनों द्वारा इसके स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की जा रही थी, लेकिन अब सरकार ने इन मांगों को दरकिनार करते हुए बजट में एकीकृत पेंशन योजना को लागू करने का प्रावधान कर दिया है.

25 साल की नौकरी पर मिलेगा पेंशन

यह योजना फिक्स पेंशन भुगतान की गारंटी देती है. यह योजना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली एनपीएस की जगह ले लेगी. इसके तहत, कर्मचारियों को 25 साल की नौकरी के बाद उनके औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा. पुरानी पेंशन के तहत आमतौर पर अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिए जाने का प्रावधान है. महंगाई के हिसाब से भी पेंशन में बदलाव होता रहता है. पुरानी पेंशन योजना को साल 2003 में समाप्त किया गया था, जिसके बाद से ही कर्मचारियों द्वारा लगातार इस योजना को लागू किए जाने की मांग की जा रही है.

पुरानी और नई पेंशन योजना में अंतर

केंद्र सरकार द्वारा साल 2004 में नई पेंशन योजना को लागू किया गया था, जिसका व्यापक पैमाने पर विरोध हुआ था. कुछ लोगों ने इसका पक्ष भी लिया था. दोनों योजनाओं में पेंशन तय करने का फार्मूला अलग है. ओपीएस में जहां पेंशन अंतिम वेतन की 50% राशि होती है, वहीं यूपीएस में पेंशन आखिरी 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50% होती है.

पुरानी पेंशन योजना के तहत, कर्मचारियों को कोई भी अंशदान नहीं देना होता, लेकिन नई पेंशन योजना में 10% अंशदान काटने का प्रावधान किया गया है. पेंशन महंगाई भत्ते के हिसाब से आमतौर पर दो बार संशोधित होती है, लेकिन नई पेंशन योजना में पेंशन को महंगाई राहत के साथ जोड़ा गया है.

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