कृष्ण जन्माष्टमी 2025 : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से मथुरा के श्रीलड्डू गोपाल जी के लिए भेजा गया उपहार
वाराणसी: सनातन संस्कृति के दो प्रमुख आध्यात्मिक केंद्रों, काशी और मथुरा, के बीच श्रद्धा, समर्पण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की अनुपम परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, 79वें स्वतंत्रता दिवस और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने भगवान श्री लड्डू गोपाल के लिए विशेष उपहार सामग्री मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान को प्रेषित की।
धार्मिक और सांस्कृतिक नवाचार
वर्ष 2024 में शुरू हुई इस नवीन परंपरा के तहत, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और रंगभरी एकादशी के अवसर पर काशी विश्वनाथ धाम से मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और मथुरा से काशी विश्वनाथ मंदिर के बीच उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है। इस वर्ष, 15 अगस्त 2025 को जन्माष्टमी के पूर्व दिवस पर भगवान श्री लड्डू गोपाल के लिए विशेष उपहार सामग्री को श्री विश्वेश्वर महादेव के समक्ष विधिपूर्वक पूजित कर भगवान विश्वनाथ से अवलोकित कराया गया। इसके बाद यह पावन सामग्री वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-अर्चना के साथ मथुरा के लिए श्रद्धापूर्वक प्रेषित की गई।
आयोजन का संचालन
मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अस्वस्थता के कारण उनकी अनुपस्थिति में डिप्टी कलेक्टर श्री शम्भू शरण ने मंदिर न्यास के प्रशासनिक दायित्वों का निर्वहन किया। उनके नेतृत्व में समस्त न्यास कार्मिकों और अधिकारियों ने इस आयोजन को शुचिता, पारंपरिक गरिमा और श्रद्धाभाव के साथ संपन्न कराया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने दूरभाष के माध्यम से आयोजन की पल-पल की व्यवस्था सुनिश्चित की और सभी अधिकारियों से इस नवाचार परंपरा को अक्षुण्ण रखने का संकल्प लिया।

सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व
श्रीकृष्ण और भगवान शंकर, सनातन धर्म की दो प्रमुख आध्यात्मिक धाराओं के प्रतीक, इस आयोजन के माध्यम से एक सूत्र में बंधे। यह पहल धार्मिक सौहार्द को मजबूत करने के साथ-साथ भारत की तीर्थ परंपरा को नई ऊर्जा प्रदान करती है। काशी और मथुरा, दोनों मोक्षदायिनी नगरी, इस सांस्कृतिक संप्रेषण के माध्यम से एकत्व, संवाद और सहभक्ति का संदेश दे रही हैं।
संकल्प और शुभकामनाएं
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा, “नवाचार शुरू करना महत्वपूर्ण है, लेकिन उसे परंपरा का स्वरूप देकर निरंतरता प्रदान करना और भी महत्वपूर्ण है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सेवा का सुअवसर प्राप्त करना जन्म-जन्मांतर के पुण्य का फल है, और इसे पूरी निष्ठा के साथ निभाना हमारा दायित्व है।” उन्होंने स्थानांतरण, अस्वस्थता या अन्य किसी कारण से इस परंपरा में व्यवधान न होने का आह्वान किया। समस्त न्यास अधिकारियों और कार्मिकों ने इस संकल्प को अंगीकार किया।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने समस्त सनातन श्रद्धालुओं को स्वतंत्रता दिवस और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और सभी के कल्याण की कामना की।