ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बड़ी पहल : वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के सभी थानों और चौकियों पर लगेंगे कानूनी प्रावधान वाले बोर्ड
वाराणसी। ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण और जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया। अब जिले के सभी पुलिस थानों और चौकियों पर ध्वनि प्रदूषण से जुड़े कानूनी प्रावधानों वाले डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे। यह आदेश पुलिस आयुक्त श्री मोहित अग्रवाल (आई.पी.एस.) ने जारी किया।
इस निर्णय के पीछे संस्था ‘सत्या फाउण्डेशन’ और ‘बनारस बार एसोसिएशन’ की सक्रिय भूमिका रही। सत्या फाउण्डेशन के संस्थापक सचिव चेतन उपाध्याय और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट सतीश कुमार तिवारी ने शुक्रवार को पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर विस्तृत वार्ता की। बैठक में चेतन उपाध्याय ने ध्वनि प्रदूषण के नुकसानों और कानूनी नियमों को आम जनता व पुलिसकर्मियों तक पहुँचाने के लिए थानों-चौकियों पर बोर्ड लगाने का सुझाव दिया। उन्होंने बोर्ड की भाषा भी लिखित रूप में प्रस्तुत की, जिसे आयुक्त महोदय ने पढ़कर तुरंत स्वीकार कर लिया और सभी थानों-चौकियों पर पुलिस विभाग द्वारा अपने खर्च से बोर्ड लगाने का लिखित आदेश जारी कर दिया।

कोई तो है जो ध्वनि प्रदूषण पर लगातार कार्य कर रहा है : पुलिस आयुक्त
बैठक के दौरान पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने ‘सत्या फाउण्डेशन’ की तारीफ करते हुए कहा, “कोई तो है जो ध्वनि प्रदूषण जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर लगातार कार्य कर रहा है।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि बार-बार समझाने के बावजूद कोई कानून तोड़ता है तो ऐसे मामलों को सीधे उनके संज्ञान में लाया जाए, ताकि सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सके।
डिस्प्ले बोर्ड की मुख्य बातें
जिन बोर्डों को सभी थानों और चौकियों पर लगाया जाएगा, उनमें ध्वनि प्रदूषण से जुड़ी कानूनी सीमाएं और दंड स्पष्ट रूप से लिखे होंगे। इनमें प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक खुले स्थानों पर लाउडस्पीकर, डीजे, आतिशबाजी, बैंड-बाजा, हार्न या यहां तक कि बिना लाउडस्पीकर वाला कंठ/वाद्य संगीत भी पूरी तरह प्रतिबंधित है।
- सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक, ध्वनि का स्तर 70 से 75 डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए।
- उल्लंघन करने वालों पर आईपीसी की धारा 290 और 291 तथा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत ₹1 लाख तक का जुर्माना और 5 साल तक की जेल या दोनों सजाएं हो सकती हैं।
- शिकायत दर्ज कराने के लिए डायल 112 या निकटतम थाना प्रभारी से संपर्क किया जा सकता है। साथ ही, घर बैठे ऑनलाइन एफआईआर के लिए UPCOP ऐप उपलब्ध है।
ध्वनि प्रदूषण रोकने की दिशा में वाराणसी में यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे न केवल आमजन को नियमों की जानकारी मिलेगी बल्कि उल्लंघन करने वालों पर भी अंकुश लगेगा। संस्था ‘सत्या फाउण्डेशन’ का यह प्रयास लंबे समय से चल रही उनकी मुहिम की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।