Lucknow railway bribery case: उत्तर रेलवे गति शक्ति प्रोजेक्ट में CBI का बड़ा खुलासा, घूसखोरी में इंजीनियर से लेकर ठेकेदार तक गिरफ्तार
हाइलाइट्स
- उत्तर रेलवे के गति शक्ति प्रोजेक्ट में करोड़ों की घूसखोरी
- हजरतगंज DRM कार्यालय में CBI का छापा
- रिश्वत के बदले बिलों की मंजूरी
Lucknow CBI Raid DRM Office hindi news: उत्तर रेलवे के गति शक्ति प्रोजेक्ट में CBI (सीबीआई) ने एक बड़े घूसखोरी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। सीबीआई ने इस घोटाले में लिप्त 3 रेलकर्मियों समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ निजी कंपनी के कर्मचारी और संचालक भी शामिल हैं।
गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों के पास से कुल 3.30 लाख रुपये नकद, और बैंक खाते में रिश्वत के लेनदेन के ठोस सबूत बरामद किए गए हैं।
हजरतगंज DRM कार्यालय में CBI का छापा
सोमवार को लखनऊ स्थित हजरतगंज DRM कार्यालय पर छापेमारी के दौरान सीबीआई ने गति शक्ति प्रोजेक्ट के डिप्टी चीफ इंजीनियर विवेक कुशवाहा, सीनियर सेक्शन इंजीनियर अशोक रंजन, और कार्यालय अधीक्षक अंजुम निशा को गिरफ्तार किया। इनके साथ टैंजेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी जिमी सिंह और कंपनी के डायरेक्टर प्रवीण सिंह (वाराणसी निवासी) को भी हिरासत में लिया गया।
रिश्वत के बदले बिलों की मंजूरी
सीबीआई जांच में सामने आया कि प्रवीण सिंह, अपनी कंपनी के बिलों की फाइल पास कराने के लिए रेल अधिकारियों को लाखों रुपये की रिश्वत देता था। जांच में यह भी सामने आया कि डिप्टी चीफ इंजीनियर विवेक कुशवाहा ने प्रोजेक्ट के तहत आए बिलों की मंजूरी के लिए घूस ली।
टैंजेंट इंफ्राटेक को भदोही में प्रोजेक्ट के काम मिले थे, जिनके भुगतान के लिए लगातार रिश्वत का लेन-देन होता रहा।
बैंक और क्लब में हुए लेन-देन
प्रवीण ने 21 जून और 26 जून को वाराणसी में एक क्लब में जिमी सिंह के माध्यम से राकेश रंजन को 2 लाख रुपये की रिश्वत सौंपी थी। वहीं 28 अप्रैल को अभिषेक गुप्ता ने 50 हजार रुपये की रिश्वत बैंक खाते के माध्यम से ली, जिसे प्रवीण के अकाउंटेंट केशव चौधरी ने जमा किया।
महिला अधिकारी को भी देना था हिस्सा
घोटाले में एक महिला अधिकारी का नाम भी सामने आया है, जिसे 3 करोड़ रुपये के बिल में हिस्सेदारी का वादा किया गया था। डीआरएम कार्यालय के सहायक मनीष ने 3 जुलाई को प्रवीण को सूचित किया कि बिल में वेरिएशन की स्वीकृति मिल गई है।
इसी तरह लेखा विभाग के योगेश गुप्ता और सीनियर क्लर्क सुशील कुमार राय भी नियमित रूप से रिश्वत लेते पाए गए।
असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर फरार
CBI को इस घोटाले के मास्टरमाइंड में से एक, असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर केके मिश्रा की तलाश है, जो छापेमारी के दौरान फरार हो गया। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए जाने की संभावना है।
दर्ज की गई FIR में ये नामजद
CBI ने इस मामले में जिन लोगों को नामजद किया है, वे हैं:
विवेक कुशवाहा (डिप्टी चीफ इंजीनियर, लखनऊ)
राकेश रंजन (सीनियर डिवीजनल इंजीनियर, वाराणसी)
मनीष (कार्यालय अधीक्षक, पूर्वोत्तर रेलवे)
अभिषेक गुप्ता (सीनियर सेक्शन इंजीनियर)
योगेश गुप्ता (लेखा विभाग कर्मचारी)
सुशील कुमार राय (सीनियर क्लर्क)
प्रवीण कुमार सिंह (डायरेक्टर, टैंजेंट इंफ्राटेक)
जिमी सिंह (कर्मचारी, टैंजेंट इंफ्राटेक)
सिकंदर अली, और
टैलेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
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