MP Asha-Usha Workers Protest: जबलपुल में आशा-उषा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, चार महीने से वेतन नहीं, 17 नवंबर से प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी
हाइलाइट्स
-
महीनों से वेतन न मिलने पर आशा-उषा नाराज
-
17 नवंबर से प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी
-
राखी-दिवाली बिना वेतन गुजरी, सरकार पर आरोप
MP Asha-Usha Workers Protest: मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ कही जाने वाली आशा और उषा कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तीन से चार महीने से वेतन और प्रोत्साहन राशि (Incentive Payment) न मिलने से नाराज इन कार्यकर्ताओं ने जबलपुर कलेक्टर कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार पर वादे पूरे न करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो 17 नवंबर से पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
जबलपुर में आशा-उषा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी#Jabalpur #ASHAWorkers #USHAWorkers #Protest #Strike #HealthWorkers #PendingPayment #MadhyaPradesh #JabalpurNews #BreakingNews #WorkersProtest pic.twitter.com/O2yHNPDOKX
— Bansal News Digital (@BansalNews_) November 3, 2025
त्योहार बिना वेतन के बीते
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि राखी, दशहरा और दीपावली जैसे बड़े त्योहार बिना वेतन के गुजर गए, जिससे उन्हें परिवार चलाने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कई कार्यकर्ताओं ने बताया कि महीनों से भुगतान न होने के कारण उन्हें कर्ज लेना पड़ा है। उनका कहना था कि विभाग हर बार नई तारीख और बहाने देता है, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं बदलता।
ये भी पढ़ें- Digvijaya Vs BJP: दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को दिग्विजय ने बताया बेकसूर, BJP विधायक ने दी पाकिस्तान जाने की नसीहत
प्रदेशव्यापी आंदोलन की तैयारी
विरोध कर रही कार्यकर्ताओं ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने हर महीने की 5 तारीख तक भुगतान करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन इन आदेशों का कोई असर नहीं हुआ। प्रदर्शन के दौरान संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर 17 नवंबर तक मांगें नहीं मानी गईं, तो पूरे प्रदेश में 24 घंटे का विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर स्थिति जस की तस रही, तो आंदोलन को और बड़ा रूप दिया जाएगा।
सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिलाने की मांग
आशा और उषा कार्यकर्ता लंबे समय से सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने और वेतनमान में सुधार की मांग कर रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुराने वादों की याद दिलाई। प्रदर्शन में शामिल एक कार्यकर्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 4000 रुपए की वृद्धि और हर साल 1000 रुपए की बढ़ोतरी की घोषणा की थी, लेकिन यह आज तक लागू नहीं हुई। उन्होंने कहा, “हम भी प्रदेश की बेटियां हैं, फिर हमारे साथ ऐसा भेदभाव क्यों?”
प्रदेश में करीब 84,000 आशा कार्यकर्ता कार्यरत हैं, जो ग्रामीण इलाकों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण और जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों में अहम भूमिका निभाती हैं। वे गांव-गांव जाकर स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों तक पहुंचाती हैं, लेकिन महीनों से भुगतान न होने के कारण उनका मनोबल टूट रहा है।
भोपाल में सोमवार (03 नवंबर) को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऊर्जा विभाग की पहल ‘ऊर्जा समाधान योजना 2025-26’ का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का आयोजन एमपी पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी (MP Power Management Company) के क्षेत्रीय कार्यालय में किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि सरकार ने पुराने बकाए पर लगने वाले सरचार्ज को माफ करने का निर्णय लिया है। यह योजना प्रदेश के करोड़ों उपभोक्ताओं के आर्थिक बोझ को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि योजना पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।