MP IAS Santosh Verma Controversy: डिप्टी CM और कार्मिक सचिव को सौंपा ज्ञापन, 3 दिन के भीतर कड़ी कार्रवाई की मांग; संतोष वर्मा ने आज ही मांगी थी माफी
IAS Santosh Verma Controversy: सवर्ण समाज की बेटियों को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान के खिलाफ प्रदेश में कड़ा विरोध किया गया। उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल को मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष इंजीनियर सुधीर नायक के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद सचिव (कार्मिक) एम सेल्वेनद्रन को भी ज्ञापन दिया गया और आईएएस आचरण नियमों के तहत संतोष वर्मा के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की गई।
मंत्रालय संघ के पूर्व वरिष्ठ कर्मचारी नेता अनिल तिवारी, आशीष सोनी, दयानंद उपाध्याय, सतीश शर्मा, श्याम बिहारी दुबे, सपाक्स के सचिव अमरेश गालर और बड़ी संख्या में सामान्य वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। महिलाओं की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही। उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल अपने चैंबर से बाहर आए और ज्ञापन प्राप्त कर न्यायोचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
ये कर्मचारी-नेता रहे मौजूद
ज्ञापन सौंपने के दौरान लिपिक संघ से एम.एल. शर्मा, संतोष दीक्षित, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ से विजय रघुवंशी और उमाशंकर तिवारी, कर्मचारी मंच से अशोक पांडे भी उपस्थित रहे और अपने-अपने संगठनों की ओर से समर्थन जताया। युवा ब्राह्मण संगठन के अध्यक्ष रामनारायण अवस्थी ने भी उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर विरोध व्यक्त किया। संगठनों ने साफ कहा है कि यदि सरकार दो से तीन दिनों के भीतर आईएएस संतोष वर्मा के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करती है, तो आंदोलन के अगले चरण की घोषणा की जाएगी।
वर्मा ने आज ही मांगी थी माफी
सोशल मीडिया पर बयान वायरल एक वीडियो के बाद ब्राह्मण समाज ने तीखी आपत्ति जताई थी। विवाद बढ़ने के बाद आईएएस वर्मा ने मंगलवार (25 नवंबर) को बंसल न्यूज पर सफाई दी और कहा कि उनका बयान गलत अर्थ में इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि ब्राह्मण समाज को उनके शब्दों से ठेस पहुंची है तो वे खेद व्यक्त करते हैं।
27 मिनट के भाषण का सिर्फ 9 सेकंड वायरल
IAS संतोष वर्मा ने कहा कि यह विवाद असली और नकली अजाक्स (AJJAKS) की लड़ाई से पैदा हुआ है। उनके अनुसार 27 मिनट के भाषण में से जानबूझकर 9 सेकंड का टुकड़ा काटकर वायरल किया गया, ताकि गलत संदेश फैले। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द वे उन लोगों के नाम उजागर करेंगे जिन्होंने इस वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर भ्रम फैलाने की कोशिश की। वर्मा ने यह भी बताया कि उनकी बेटी दूसरे समाज में ब्याही है और वे कन्यादान शब्द के बजाय सिर्फ दान का सामान्य संदर्भ दे रहे थे। उन्होंने दोहराया कि वे खुद सनातन संस्कृति मानने वाले व्यक्ति हैं और पूजा-पाठ करते हैं।
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क्या कहा था IAS वर्मा ने
23 नवंबर को तुलसी नगर के अंबेडकर मैदान में अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) संगठन के प्रांतीय अधिवेशन में IAS संतोष वर्मा को नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। इसी कार्यक्रम में उनके भाषण का वह अंश सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि जब तक उनके बेटे और ब्राह्मण समाज की बेटी या उनके परिवार और ब्राह्मण समाज के बीच रोटी-बेटी का संबंध नहीं होता, तब तक आरक्षण जारी रहेगा। यही बयान विवाद का कारण बना और ब्राह्मण समाज ने इसकी कड़ी निंदा की।
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ब्राह्मण समाज ने जताई नाराजगी
अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष पंडित पुष्पेंद्र मिश्र ने बयान को अमर्यादित और आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि यह IAS सेवा आचरण के खिलाफ है। उनके अनुसार यह बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ है और समाज को अपमानित करने वाला वक्तव्य है। मिश्र ने सरकार से तुरंत जांच कराने और IAS संतोष वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
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उन्होंने कहा कि जिस सरकार में लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना और बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ जैसी योजनाएं संचालित हों, वहां एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी द्वारा ऐसा बयान देना अस्वीकार्य है। ब्राह्मण समाज ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने वर्मा के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तो वे कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे और सड़कों पर आंदोलन भी करेंगे। समाज का कहना है कि जब तक IAS वर्मा को निलंबित कर गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा।
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