MP News: हरदा लाठीचार्ज मामले में सीएम मोहन यादव ने जिला प्रशासन से मांगी रिपोर्ट, बोले- सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की किसी को अनुमति नहीं
MP News: सीएम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करके लिखा कि हरदा छात्रावास प्रकरण का संज्ञान लेकर मैंने जिला प्रशासन से विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है. हमारी सरकार के लिए सामाजिक न्याय और परस्पर सद्भाव सर्वोच्च प्राथमिकता है
MP News: हरदा लाठीचार्ज मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. सीएम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करके लिखा कि हरदा छात्रावास प्रकरण का संज्ञान लेकर मैंने जिला प्रशासन से विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है. हमारी सरकार के लिए सामाजिक न्याय और परस्पर सद्भाव सर्वोच्च प्राथमिकता है. मध्य प्रदेश में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की किसी को अनुमति नहीं दी जाएगी.
क्या है पूरा मामला?
ये पूरा मामला मध्य प्रदेश के हरदा जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के एक गांव का है. यहां करणी सेना के नेता आशीष राजपूत ने विक्की उर्फ विकास लोधी, मोहित वर्मा और उमेश तपानिया पर 18 लाख रुपये के हीरे की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. आशीष ने पंडित की सलाह पर 1.52 कैरेट का हीरा खरीदने का फैसला किया था. हीरा खरीदने के लिए मोहित वर्मा ने आशीष की मुलाकात इंदौर में उमेश तपानिया से कराई.
हरदा छात्रावास प्रकरण का संज्ञान लेकर मैंने जिला प्रशासन से विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है।
हमारी सरकार के लिए सामाजिक न्याय और परस्पर सद्भाव सर्वोच्च प्राथमिकता है।मध्यप्रदेश में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की किसी को अनुमति नहीं दी जाएगी।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 16, 2025
उमेश ने आनंद ज्वेलर्स से हीरा चेक कराकर सौदा तय करवाया. आशीष ने इसके लिए 16.79 लाख रुपए कैश और दो अलग-अलग ट्रांजेक्शन में 70 हजार रुपए का भुगतान किया. कुछ समय बाद आरोपियों ने हीरे की कीमत बढ़ने का बहाना बनाकर आशीष से दोबारा संपर्क किया. वे उन्हें इंदौर से मुंबई ले गए और वहां हीरा चेक कराने के नाम पर नकली हीरा थमा दिया. धोखाधड़ी का पता चलने पर आशीष ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई.
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पुलिस ने किया लाठीचार्ज
सिटी कोतवाली थाना टीआई प्रह्लाद सिंह मर्सकोले ने बताया कि यह धोखाधड़ी का मामला अक्टूबर 2024 का है. पुलिस को इस मामले में आरोपी मोहित वर्मा को इंदौर से लाकर कोर्ट में चालान पेश करना था. इस दौरान करणी सेना के करीब 40 कार्यकर्ता थाने पहुंच गए और मांग करने लगे कि आरोपी को उनके हवाले किया जाए. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया.