MP Samvida Employees: 20 साल से काम कर रहे संविदा कर्मचारी अब तक नियमित नहीं हुए, स्कूल शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन

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हाइलाइट्स

  • संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा

  • 20-25 साल सेवा के बाद भी नियमित नहीं हुए कर्मचारी

  • ग्रेड पे कटौती और लाभ न मिलने कर्मचारियों की नाराजगी

MP Samvida Employee Regularisation: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में संविदा कर्मचारी (Contract Employees) लंबे समय से अपनी सेवा शर्तों में सुधार और नियमितीकरण (Regularisation) की मांग कर रहे हैं। इसी क्रम में संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ (Samvida Karmchari Adhikari Mahasangh) के प्रतिनिधि मंडल ने स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह से मुलाकात की और राज्य शिक्षा केन्द्र (Rajya Shiksha Kendra) के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।

MP Samvida Employees: 20 साल से काम कर रहे संविदा कर्मचारी अब तक नियमित नहीं हुए, स्कूल शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन

संविदा नीति लागू करने की मांग

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि 22 जुलाई 2023 को सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department) ने संविदा नीति (Samvida Policy) जारी की थी। इस नीति में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने, ग्रेच्युटी (Gratuity), अनुकंपा नियुक्ति (Compassionate Appointment) और नियमित कर्मचारियों की तरह अवकाश (Leave Benefits) देने का प्रावधान था।

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मृत्यु के बाद भी नहीं मिला हक

संविदा कर्मचारियों का कहना है कि लंबे समय से काम करते-करते वे अब ओवरएज हो चुके हैं। कई कर्मचारी सेवानिवृत्त (Retired) हो गए हैं और कई की सेवा के दौरान मृत्यु भी हो गई, लेकिन उनके आश्रितों (Dependents) को अनुकंपा नियुक्ति तक नहीं दी गई।

इसके अलावा डाटा एंट्री ऑपरेटर, एमआईएस कोऑर्डिनेटर, अकाउंटेंट, जेंडर समन्वयक (Gender Coordinator), सहायक वॉर्डन (Assistant Warden) और प्रोग्रामर (Programmer) के ग्रेड पे (Grade Pay) को कम कर दिया गया, जिससे कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है।

मंत्री को सौंपा ज्ञापन

महासंघ ने मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि राज्य शिक्षा केन्द्र में संविदा नीति को पूरी तरह से लागू किया जाए और सभी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। इसके साथ ही ग्रेच्युटी, अवकाश और अनुकंपा नियुक्ति जैसे लाभ भी तत्काल प्रभाव से दिए जाएं।

महासंघ का कहना है कि अगर संविदा नीति को लागू नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि 20-25 साल तक लगातार सेवा देने के बाद भी संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं करना अन्याय है।

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