सुरक्षित रहेगा नक्सली कमांडर रामचंद्र रेड्‌डी का शव: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, दाह संस्कार या दफन पर लगाई रोक

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Narayanpur Encounter: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नारायणपुर (Narayanpur) जिले में हाल ही में मुठभेड़ में मारे गए शीर्ष नक्सली कमांडर कथा रामचंद्र रेड्डी उर्फ राजू दादा (Katha Ramchandra Reddy alias Raju Dada) के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाया। अदालत ने साफ किया कि जब तक छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) इस मामले पर अंतिम निर्णय नहीं देता, तब तक शव का न दाह संस्कार होगा और न ही दफन किया जाएगा।

हाईकोर्ट को प्राथमिकता से सुनवाई का निर्देश

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता (Justice Dipankar Datta) और न्यायमूर्ति एजी मसीह (Justice A.G. Masih) की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट दुर्गा पूजा की छुट्टियों के बाद मामले की प्राथमिकता से सुनवाई करे। कोर्ट ने आदेश दिया कि तब तक शव अस्पताल में सुरक्षित रखा जाए।

बेटे ने उठाए फर्जी मुठभेड़ के आरोप

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इस मामले में याचिका रेड्डी के बेटे राजा चंद्रा (Raja Chandra) ने दाखिल की थी। वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजाल्विस (Senior Advocate Colin Gonsalves) ने अदालत में दलील दी कि उनके पिता को प्रताड़ित कर फर्जी मुठभेड़ (Fake Encounter) में मार दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस अब शव को जल्दबाजी में ठिकाने लगाने की कोशिश कर रही है। याचिकाकर्ता ने स्वतंत्र एजेंसी से जांच और नए सिरे से पोस्टमॉर्टम (Postmortem) कराने की मांग की।

पुलिस का पक्ष

वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Police) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने कोर्ट को बताया कि मुठभेड़ में दो लोग मारे गए थे। रेड्डी पर सात राज्यों में करीब सात करोड़ रुपए का इनाम घोषित था। उन्होंने कहा कि दूसरे नक्सली का शव परिजनों को सौंपकर अंतिम संस्कार कर दिया गया है, जबकि रेड्डी का शव अब भी अस्पताल में सुरक्षित रखा गया है।

मेहता ने यह भी कहा कि पोस्टमॉर्टम की पूरी प्रक्रिया का वीडियो रिकॉर्ड उपलब्ध है, इसलिए पुलिस पर दुर्भावना या सबूत मिटाने का आरोप सही नहीं है।

कोर्ट ने याचिका का निपटारा किया

सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामला चूंकि पहले ही हाईकोर्ट में लंबित है, इसलिए वहीं अंतिम फैसला देगा। फिलहाल अदालत ने शव को संरक्षित रखने और किसी भी तरह के अंतिम संस्कार पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

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