आपातकाल की 50वीं बरसी पर एबीवीपी ने बीएचयू में निकाली मशाल याात्रा, कांग्रेस पर साधा निशाना
वाराणसी। आपातकाल की 50वीं बरसी पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की बीएचयू इकाई द्वारा महिला महाविद्यालय चौराहे से लंका गेट तक मशाल जुलूस यात्रा निकाली। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने ‘कांग्रेस तेरे अत्याचार नहीं भूलेगा हिंदुस्तान’, ‘इंदिरा तेरे काले कारनामे नहीं भूलेगा हिंदुस्तान’ जैसे नारे लगाते हुए आपातकाल के विरोध में अपना आक्रोश व्यक्त किया।
मशाल यात्रा में बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य वर्तमान युवा पीढ़ी को 25 जून 1975 को देश में लगे आपातकाल की त्रासदी और उससे जुड़े काले अध्याय से अवगत कराना था। अभाविप ने देशभर में इस दिन को “लोकतंत्र विरोधी दिवस” के रूप में मनाते हुए जागरूकता अभियान शुरू किया है।

अभाविप काशी प्रान्त के प्रान्त मंत्री अभय प्रताप सिंह ने इस मौके पर कहा, “आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में वह काला धब्बा है जो कभी मिट नहीं सकता। 1975 में सत्ता की लालसा में अंधी इंदिरा गांधी सरकार ने न सिर्फ संविधान को रौंदा, बल्कि न्यायपालिका, प्रेस और आम जनता की स्वतंत्रता को भी छीन लिया। लाखों लोगों को बिना किसी अपराध के जेल में डाल दिया गया और छात्र-युवाओं पर विशेष रूप से दमन किया गया।”
उन्होंने आगे कहा कि आज की मशाल यात्रा उस ऐतिहासिक अन्याय के विरुद्ध युवा पीढ़ी की चेतना और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। अभाविप आने वाले दिनों में देशभर में आपातकाल के पीड़ितों से मिलकर सम्मान समारोह और जनजागरूकता अभियान चलाएगी। इकाई अध्यक्ष प्रशांत राय ने कहा, “आज का दिन हमें याद दिलाता है कि किस तरह कांग्रेस ने सत्ता की लालसा में भारत के संविधान को कुचला था। प्रेस की आजादी छीनी गई, न्यायपालिका को कमजोर किया गया और आम नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित कर दिया गया। यह मशाल यात्रा इस बात की घोषणा है कि हम न उस अन्याय को भूले हैं और न ही भूलेंगे।”
उन्होंने कहा कि छात्र समुदाय अब जागरूक है और संविधान विरोधी मानसिकता के खिलाफ हर मोर्चे पर डटकर खड़ा रहेगा। ABVP इस अवसर पर युवाओं के बीच जागरूकता फैलाने के लिए विचारगोष्ठियों, प्रदर्शनों और संवाद कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। मशाल यात्रा शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई। पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।