Kishore Kumar Jayanti: सुरों के सम्राट किशोर दा की जयंती पर खंडवा में संगीत से सजेगा गौरव दिवस, प्रशंसकों ने की ये मांग

0


Kishore Kumar Jayanti 4 August Gaurav Diwas Khandwa: बॉलीवुड के हरफनमौला कलाकार और सदाबहार गायक किशोर कुमार (kishore kumar) की जयंती पर खंडवा एक बार फिर सुरों से सराबोर होने जा रहा है। किशोर कुमार की जयंती 4 अगस्त को गौरव दिवस मनाया जाएगा, जिसमें देशभर से संगीत प्रेमी शामिल होंगे। इसी बीच, किशोर दा के जर्जर पुश्तैनी घर को लेकर स्मारक बनाने की मांग ने जोर पकड़ने लगी है। किशोर कुमार का घर अब काफी जर्जर हो गया जिसे लेकर संगीत प्रेमी निराश हैं।

सोमवार 4 अगस्त को बॉलीवुड के मशहूर गायक और कलाकार किशोर कुमार की जयंती है, जिसे खंडवा में बड़े उत्साह से मनाया जाएगा। जिला प्रशासन इस दिन को गौरव दिवस के रूप में मना रहा है। देशभर से आने वाले प्रशंसक उनकी समाधि पर दूध-जलेबी का भोग अर्पित कर श्रद्धांजलि देंगे। (Kishore Kumar Gaurav Diwas)

किशोर दा के सुरों से गूंजेगा शहर

खंडवा में 4 अगस्त को सुरों के जादूगर किशोर कुमार की जयंती ‘गौरव दिवस’ के रूप में पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। इस खास मौके पर जिला प्रशासन और स्थानीय सांस्कृतिक संगठनों द्वारा समाधि स्थल पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

किशोर दा को याद करते हैं लोग

देश के कोने-कोने से पहुंचे किशोर प्रेमी उनकी समाधि पर दूध-जलेबी का भोग अर्पित करते हैं और उनके अमर गीतों को गाकर उन्हें याद करते हैं। इस दिन खंडवा की गलियों में किशोर दा की आवाज की गूंज सुनाई देती है और जगह-जगह आर्केस्ट्रा व लाइव म्यूजिक परफॉर्मेंस का आयोजन होता है।

यह दिन न सिर्फ संगीत प्रेमियों के लिए बल्कि खंडवा के हर नागरिक के लिए गर्व और श्रद्धा का प्रतीक बन गया है, जो किशोर दा की कला और विरासत को जीवंत बनाए रखता है।

किशोर नाइट’ में सुरों से सजेगी शाम

किशोर कुमार को श्रद्धांजलि देने के इस सिलसिले में, शाम 7 बजे से ‘किशोर नाइट’ का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में स्थानीय और देशभर से आए कलाकार किशोर दा के लोकप्रिय और दिल को छू लेने वाले गीतों की रंगारंग प्रस्तुतियां देंगे। हर साल की तरह, इस बार भी संगीत की यह रात भावनाओं, सुरों और यादों से सराबोर होगी।

खंडवा से किशोर दा का लगाव

4 अगस्त 1929 को खंडवा की धरती पर जन्मे किशोर कुमार न सिर्फ बॉलीवुड के महानतम गायकों में से एक बने, बल्कि खंडवा की आत्मा का हिस्सा भी बन गए। यहीं से उन्होंने पढ़ाई की, यहीं उनका बचपन बीता, और यहीं की गलियों में उन्होंने सुरों से दोस्ती की शुरुआत की।

हर साल उनकी जयंती पर खंडवा में ‘गौरव दिवस’ मनाया जाता है, जो यह दर्शाता है कि शहरवासियों के दिल में आज भी किशोर दा बसते हैं। उनसे जुड़ी अनेक दिलचस्प कहानियां, जैसे कैंटीन वाले का वो मशहूर “उधार खाता”, आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं।

किशोर दा का खंडवा से लगाव इतना गहरा था कि उन्होंने जीवन के अंतिम समय में यहीं बसने की इच्छा जताई थी। भले ही यह इच्छा पूरी न हो सकी, लेकिन उनका अंतिम संस्कार खंडवा में ही हुआ, जहां आज उनकी समाधि संगीत प्रेमियों की श्रद्धा का केंद्र है। उनकी बेमिसाल आवाज और अमर गीत आज भी भारतीय सिनेमा की संगीतात्मक धरोहर हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।

‘गौरीकुंज’ अब बेहद जर्जर हालत में

किशोर कुमार का रंगीन व्यक्तित्व और उनका संगीत आज भी भारतीय सिनेमा की अमूल्य धरोहर है। खंडवा स्थित उनका पुश्तैनी घर ‘गौरीकुंज’ अब बेहद जर्जर हालत में है। यह 100 साल पुराना मकान कभी भी ढह सकता है, जिससे प्रशंसकों में निराशा है।

स्मारक बनाने की मांग

प्रशंसकों की मांग है कि इस घर को संग्रहालय या राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए। उनके लिए यह घर एक संगीत मंदिर है। जैसे पाकिस्तान में राज कपूर और दिलीप कुमार के घरों को संरक्षित किया गया, वैसे ही किशोर दा के घर को भी संरक्षित करने की जरूरत है। संगीत और किशोर प्रेमियों की मांग है कि जिस तरह किशोर कुमार ने पूरी दुनिया में देश और खंडवा का मान बढ़ाया है उसी तरह केंद्र और राज्य सरकार किशोर कुमार के खंडवा स्थित पैतृक घर को स्मारक बनाएं।

हमें XFacebookWhatsAppInstagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें।

MP ITI Dual Certificate: एमपी में अब 9वीं से ही आईटीआई कर सकेंगे स्टूडेंट्स, 10वीं पास करते ही मिलेगी नौकरी

एमपी में पहली बार छात्र 9वीं कक्षा से ही ITI कोर्स कर सकेंगे। इससे 10वीं पास करते ही उनके पास रोजगार का विकल्प होगा। आगे पढ़ाई चाहें तो 12वीं तक डिप्लोमा पूरा कर सकते हैं, या सीधे इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष में प्रवेश ले सकेंगे। इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…



Leave A Reply

Your email address will not be published.