हिमाचल: हाईकोर्ट का आदेश, पंचायतों में डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रह जरूरी

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प्रदेश हाईकोर्ट ने पूरे प्रदेश में सूखा कूड़ा, प्लास्टिक के निष्पादन और डोर टू डोर कूड़ा एकत्रित करने के निर्देश जारी किए हैं।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पूरे प्रदेश में सूखा कूड़ा, प्लास्टिक के निष्पादन और डोर टू डोर कूड़ा एकत्रित करने के निर्देश जारी किए हैं। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि एफआरए कानून 2006 के तहत वोकेशनल केंद्र, सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र बनाने और सूखे कूड़े को फेंकने के लिए ब्लॉक स्तर पर जमीन मुहैया करवाई जाए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने यह निर्देश दिए हैं कि पंचायती राज कानून के तहत नियम 30 ए और धारा 100 के प्रावधानों को लागू किया जाए। प्लास्टिक में उत्पाद बेच रहीं ढाई हजार कंपनियों को प्रदूषण बोर्ड नाेटिस भेजे।

पंचायतों से लेकर नगर निगमों में कूड़े के निष्पादन के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उन्हें लागू किया जाए। पंचायती राज कानून के तहत जो नियम व उप नियम बनाए गए हैं, उनको जमीन स्तर पर अमलीजामा पहनाया जाए। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण विकास विभाग नगर निगमों, नगर परिषद सहित पंचायतों में यूजर चार्जेस और हॉट स्पॉट चयनित किए जाएं। अदालत ने कहा कि शहरी विकास निकायों, स्थानीय इकाई और पंचायतें सुनिश्चित करें कि अगर कोई भी इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाए।

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