PM Fasal Bima Yojana: मक्का और धान का होगा बीमा, प्रीम‍ियम जमा करने का समय भी बढ़ा

0


हाइलाइट्स 

  • अब किसान करा सकेंगे मक्का और धान का बीमा
  • सरकार ने बढ़ाया प्रीम‍ियम जमा करने का समय
  • 14 अगस्त तक जमा कर सकते हैं किसान अपना प्रीम‍ियम

PM Fasal Bima Yojana: प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत प्रीमियम जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। अब गैर-ऋणी कृषक 14 अगस्त तक और ऋणी कृषक (केसीसी/क्रॉप लोन धारक) 30 अगस्त तक अपने फसलों का बीमा करा सकते हैं। यह घोषणा खरीफ सीजन में विशेष रूप से धान और मक्का की फसलों को देखते हुए की गई है, जिनकी इस बार बड़ी मात्रा में बोआई की गई है।

जिले में फसलों का आँकड़ा

विवरण आँकड़े
जिले में पंजीकृत किसान 5,81,000
धान की बोआई क्षेत्रफल 1,26,057 हेक्टेयर
मक्का की बोआई क्षेत्रफल 45,583 हेक्टेयर
बीमा के लिए पोर्टल पर आवेदन 16,301
बीमा प्रीमियम जमा करने वाले किसान 7,472

यह भी पढ़ें: Swami Prasad Maurya Attack: रायबरेली में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला, कार्यक्रम में पीछे से आकर जड़ा थप्पड़

किसान स्वयं कर सकते हैं पंजीकरण

बीमा कंपनी के जिला प्रबंधक विजय सिंह ने जानकारी दी कि किसान स्वयं भी फसल बीमा के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। इसके लिए निम्न विकल्प उपलब्ध हैं:

  • बैंक शाखा के माध्यम से
  • कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) से
  • PMFBY पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण:
    👉

जरूरी दस्तावेज़

  • आधार कार्ड
  • खतौनी (भूमि अभिलेख)
  • बैंक पासबुक
  • फसल का विवरण (जिसका बीमा कराना है)

72 घंटे के भीतर देना होगा फसल क्षति का सूचना

कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि यदि उनकी बीमित फसल को किसी प्रकार की क्षति होती है, तो वे 72 घंटे के भीतर इसकी सूचना अवश्य दें। इसके लिए किसान निम्न माध्यमों का उपयोग कर सकते हैं।

  • निकटतम फसल बीमा केंद्र
  • कृषि विभाग का कार्यालय
  • फसल बीमा हेल्पलाइन नंबर: 14447

किसानों के लिए क्यों जरूरी है फसल बीमा?

किसानों की आय का सबसे बड़ा साधन उनकी फसलें ही हैं। लेकिन बदलते मौसम, बेमौसम बारिश, सूखा, बाढ़, तूफान, ओलावृष्टि, कीट प्रकोप जैसी अनिश्चित घटनाएं फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य इन जोखिमों से किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना और उनकी आय को स्थिर बनाए रखना है। इस योजना के तहत किसानों को बहुत ही कम प्रीमियम पर बीमा सुविधा उपलब्ध होती है, जबकि फसल क्षति की स्थिति में उन्हें पूरा मुआवजा मिलता है। उप निदेशक कृषि ने जिले के सभी किसानों से अपील की है कि वे फसल बीमा योजना का लाभ अवश्य उठाएं। उन्होंने कहा कि जो किसान अब तक प्रीमियम जमा नहीं कर पाए हैं, उनके लिए यह सुनहरा अवसर है। समय रहते बीमा करा लें, ताकि कोई आपदा आने पर आपको आर्थिक नुकसान न हो।

FAQ

सवाल 1: क्या हम अभी भी धान या मक्का की फसल का बीमा करा सकते हैं?

जवाब: सरकार ने बीमा प्रीमियम जमा करने की आखिरी तारीख बढ़ा दी है।

  • गैर-ऋणी किसान अब 14 अगस्त तक

  • ऋणी किसान (KCC धारक) 30 अगस्त तक

  • अपनी धान और मक्का की फसल का बीमा कर सकते हैं।

सवाल 2: फसल बीमा कराने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होती है?

जवाब: फसल बीमा कराने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज रखने होंगे:

  • आधार कार्ड

  • खतौनी (भूमि का दस्तावेज)

  • बैंक पासबुक

  • फसल का विवरण (जिसका बीमा कराना है)

सवाल 3: बीमा कराने के बाद अगर फसल को नुकसान हो जाए तो क्या करना होगा?

जवाब: अगर आपकी बीमित फसल को किसी कारण से नुकसान होता है (जैसे बारिश, ओलावृष्टि, बाढ़, कीट आदि), तो आप को यह सूचना 72 घंटे के भीतर निम्न माध्यमों से देनी होगी:

  • नजदीकी फसल बीमा केंद्र

  • कृषि विभाग कार्यालय

  • बीमा हेल्पलाइन नंबर 14447
    ताकि सर्वे समय पर हो सके और आपको बीमा का पूरा लाभ मिले।

सवाल 4: क्या मैं खुद फसल बीमा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कर सकता हूँ?

जवाब:  किसान स्वयं भी ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। इसके लिए आप पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण कर सकते हैं।
इसके अलावा आप बैंक या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए भी फसल बीमा करा सकते हैं।

Uttarakhand Uttarkashi Dharali Cloud Burst Tragedy update hindi zxc

Uttarakhand Cloud Burst Tragedy Updates: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1:45 बजे बादल फटने (Cloud Burst in Dharali) की भीषण घटना ने तबाही मचा दी। अब तक इस प्राकृतिक आपदा में 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता हैं। 130 से ज्यादा लोगों को अब तक रेस्क्यू किया जा चुका है। राहत-बचाव कार्य अभी भी जारी है।  पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Leave A Reply

Your email address will not be published.