ग्वालियर प्रतिमा विवाद: आंदोलन को लेकर अलर्ट मोड पर पुलिस, 50 से अधिक चेकिंग प्वाइंट बनाए गए, 4 हजार जवान तैनात
हाइलाइट्स
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अंबेडकर मूर्ति विवाद पर ग्वालियर में अलर्ट
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4000 जवान तैनात, सोशल मीडिया पर निगरानी
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55 यूजर्स को नोटिस, 500 पोस्ट हटाई गईं
Ambedkar Statue Controversy: ग्वालियर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को लेकर पिछले दिनों से चल रहा विवाद अभी भी चरम पर है। शहर में सुरक्षा अलर्ट जारी है, लेकिन माहौल पूरी तरह शांत है। बाजार खुल चुके हैं, लोग रोजमर्रा के कामों में लौट आए हैं और स्थिति सामान्य दिखाई दे रही है। प्रशासन और पुलिस पूरी सतर्कता के साथ हालात पर नजर बनाए हुए हैं। शहर में धारा 163 लागू है।
स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद
तनाव के मद्देनजर जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर आज सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रखने का फैसला किया है। शहर में करीब चार हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं जो अलग-अलग इलाकों में निगरानी कर रहे हैं। ग्वालियर पुलिस के साथ-साथ आईटी (IT) और क्राइम ब्रांच (Crime Branch) की टीमें भी लगातार सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए हैं ताकि किसी भी भड़काऊ पोस्ट या अफवाह को फैलने से पहले रोका जा सके। इसके अलावा, शिवपुरी जिले में भी पुलिस ने अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया है।
दोनों पक्षों पर एफआईआर
मंगलवार (14 अक्टूबर) देर रात पुलिस ने विवाद से जुड़े दोनों पक्षों के खिलाफ एक-एक एफआईआर दर्ज की है, हालांकि अभी तक किसी के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हुई हैं, लेकिन पुलिस का कहना है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और किसी तरह की हिंसक घटना की आशंका नहीं है। शहर में लगभग 50 जगहों पर चेकिंग प्वॉइंट बनाए गए हैं, जहां पुलिस वाहनों और लोगों की सघन जांच कर रही है। शहर में बाहर से आ रही गाड़ियों पर विशेष निगाह रखी जा रही है।

24 घंटे सोशल मीडिया मॉनिटरिंग
आईटी सेल, साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीमें चौबीसों घंटे सोशल मीडिया की निगरानी कर रही हैं। करीब 100 से ज्यादा पुलिस जवान और अधिकारी मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन पर वायरल वीडियो और पोस्ट पर नजर रख रहे हैं। पुलिस ने बताया कि कई यूजर्स ऐसे भी मिले हैं जिन्होंने किसी और के कहने पर भड़काऊ पोस्ट डाली और बाद में उसे हटाने में असमर्थ रहे। ऐसे सभी मामलों में साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जा सके।


शांति की अपील, लेकिन तनाव अब भी कायम
दोनों पक्षों ने सोशल मीडिया पर शांति बनाए रखने की अपील की है, बावजूद इसके शहर में हल्का तनाव महसूस किया जा रहा है। प्रशासन के अनुसार, पुलिस ने हर संवेदनशील इलाके में फोर्स तैनात कर दिया है और किसी भी अफवाह को फैलने नहीं दिया जा रहा है।
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ग्वालियर एसएसपी धर्मवीर सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की भड़काऊ पोस्ट या वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड न करें। उन्होंने कहा कि जो भी ऐसा करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की तैयारी पूरी है और माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
प्रदर्शन न करने पर जताई थी सहमति
बता दें कि अधिवक्ता अनिल मिश्रा द्वारा डॉ. आंबेडकर पर टिप्पणी की गई थी, जिसके विरोध में एससी-एसटी वर्ग के संगठन आ गए। वहीं मिश्रा पर एफआइआर के विरोध में अधिवक्ताओं व सवर्ण संगठनों ने प्रदर्शन किया व अफसरों के पुतले फूंके। इसी बीच दोनों पक्षों ने 15 अक्टूबर को आंदोलन करने का दावा किया था फिर सोमवार (13 अक्टूबर) को प्रशासन के साथ दोनों पक्षों ने बैठक करके प्रदर्शन न करने की सहमति दी थी।


ग्वालियर में स्कूलों बंद
ग्वालियर जिले में बुधवार (15 अक्टूबर) को कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी स्कूल बंद हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर यह आदेश जारी किया था। यह अवकाश संभावित स्थानीय आयोजन और यातायात व्यवस्था में बाधा की स्थिति को ध्यान में रखकर घोषित किया गया है, ताकि बच्चों को किसी तरह की असुविधा न हो और उनके हित सुरक्षित रहें। आज जिले के सभी शासकीय, अशासकीय, अनुदान प्राप्त, सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों में पढ़ने वाले 12वीं कक्षा तक के छात्रों की छुट्टी है।


आज विरोध प्रदर्शन की थी तैयारी
15 अक्टूबर को दलित संगठनों ने हाईकोर्ट वकील अनिल मिश्रा द्वारा की गई टिप्पणी के खिलाफ ग्वालियर में बड़ा विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी। इसके जवाब में सवर्ण संगठनों ने भी आज ही के दिन शक्ति प्रदर्शन की घोषणा कर दी है। दोनों पक्षों की तैयारियों के चलते पुलिस को शहर में संभावित हिंसा और तनाव की आशंका है।
क्या है पूरा मामला
यह विवाद नया नहीं है। इसकी जड़ें मई 2025 में शुरू हुई थीं, जब ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर वकीलों के दो गुटों में बहस हो गई थी। वकीलों के एक गुट ने अंबेडकर प्रतिमा लगाने की मांग की थी, जबकि दूसरे गुट के वकीलों ने इसका विरोध किया।


इसके बाद मामला बिगड़ गया और भीम आर्मी से जुड़े रूपेश केन नामक कार्यकर्ता के साथ वकीलों ने मारपीट कर दी। तभी से यह विवाद सवर्ण और दलित संगठनों के बीच टकराव का रूप ले चुका है। पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए फिलहाल प्रतिमा लगाने पर रोक लगा दी थी और मूर्ति को शहर से 15 किलोमीटर दूर एक मूर्तिकार प्रभात राय की वर्कशॉप में रखवा दिया गया।

ग्वालियर में अंबेडकर प्रतिमा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। हाईकोर्ट के वकील अनिल मिश्रा और पुलिस के बीच मंदिर में पूजा को लेकर मंगलवार (14 अक्टूबर) को तीखी बहस और नोकझोंक हुई। टकराव इतना बढ़ा कि पुलिस और समर्थकों के बीच जय श्री राम और पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगने लगे। इस दौरान सीएसपी (CSP) हिना खान मौके पर मौजूद रहीं। पुलिस मर्दाबाद पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।