Prashant Kishor Controversy: चुनाव से पहले विवादों में फंसे जनसुराज प्रमुख प्रशांत किशोर, 2 राज्यों के निकले वोटर
हाइलाइट्स
- बिहार के बाद पश्चिम बंगाल के निकले वोटर
- दो फेज में होगी बिहार में वोटिंग
- प्रशांत का नाम Kolkata के 121 Kalighat Road पर भी दर्ज है
Prashant Kishor Controversy: बिहार चुनाव 2025 में अब महज 1 हफ्ते का समय बचा है। पहले फेज की वोटिंग 6 नवंबर को 121 सीटों पर होगी और दूसरे फेज की 11 नवंबर को होगी वहीं, चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को जारी किए जाएंगे, मगर इससे पहले ही जनसुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
जानकारी ये सामने आ रही है कि जनसुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर का नाम दो राज्यों की वोटर लिस्ट में दर्ज है। चुनाव आयोग ने खुलासा किया है कि रिकॉर्ड में प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का नाम दो राज्यों में है। पहला बिहार और दूसरा बंगाल में की वोटर लिस्ट में है। चुनाव आयोग की गाइडलाइन की मुताबिक, एक व्यक्ति एक ही राज्य का वोटर हो सकता है, दूसरे राज्य के लि उसे पहले राज्य में से नाम हटवाना पड़ेगा। चुनाव आयोग ने जो डाटा साझा किया है उसमें उनका नाम Kolkata के 121 Kalighat Road पर भी दर्ज है, जहां TMC का मुख्य दफ्तर है। वहीं Bihar के Koniar गाँव की वोटर लिस्ट में भी उनका नाम है। यह मामला चुनाव आयोग के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

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क्या कहता है जनप्रतिनिधित्व अधिनियम
बताते चलें कि साल 2021 में प्रशांत किशोर ने बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के चुनावी कैपेन में राणनीतिकार के तौर पर काम किया था। चुनाव आयोग के मुताबिक, प्रशांत ने सेंट हेलेन स्कूल, बी. रानीशंकारी लेन के मतदान केंद्र में अपना मतदान किया था। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम यानि (Representation of the People Act, 1950) की धारा 17 के मुताबिक कोई एक व्यक्ति एक नाम से एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में अपना नाम दर्ज नहीं करा सकता। एक व्यक्ति एक ही राज्य में वोट दे सकता है। अगर उस व्यक्ति ने किसी कारण से वो राज्य छोड़ दिया है तो तो उसे Form 8 भरकर पुराने स्थान से नाम हटाने की प्रक्रिया करनी होती है।
पीके की टीम ने दी सफाई
इस विवाद पर स्वयं प्रशांत किशोर की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उनकी टीम के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि बंगाल चुनाव के बाद प्रशांत किशोर ने बिहार में नया वोटर कार्ड बनवाया था और बंगाल वाले कार्ड को रद्द कराने के लिए आवेदन भी किया है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि बंगाल का नामांकन वास्तव में रद्द हुआ है या नहीं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस मामले पर बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने भी कोई टिप्पणी देने से परहेज़ किया।

उत्तर प्रदेश में अगले माह से जमीनों पर नया सर्किल रेट लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस नए सर्किल रेट में जमीने 25 से 30 प्रतिशत, अवासीय भूमि में और कृषि भूमि में 22 से 25 फीसदी तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें