BLW में जलेगा बनारस का सबसे ऊंचा 70 फिट का रावण, तीन पीढ़ी से इस कार्य में जुटा है शमशाद खान का परिवार
वाराणसी। विजयादशमी पर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक रावण दहन इस बार भी बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) के केंद्रीय खेल मैदान में धूमधाम से आयोजित होगा। आयोजन स्थल पर इस वर्ष रावण का पुतला 70 फिट ऊँचा होगा, जबकि उसके भाई कुम्भकर्ण का पुतला 65 फिट और मेघनाद का पुतला 60 फिट ऊँचाई में तैयार किया जा रहा है।

दशकों से निभा रहे परंपरा
इन विशाल पुतलों के निर्माण का जिम्मा इस बार भी मंडुवाडीह निवासी शमशाद और उनके परिवार ने उठाया है। शमशाद का परिवार दशकों से पुतलों के निर्माण की कला में पारंगत है और हर साल बरेका सहित वाराणसी के विभिन्न हिस्सों में होने वाले दशहरा उत्सव के लिए पुतले तैयार करता है। उन्होंने बताया कि उनके नाना बाबू खान ने इस कार्य को शुरू किया, उसके बाद मामू भी कार्य में लगे। फिर वह खुद इससे जुड़े और अब मेरा बेटा भी इस कार्य में लग गया है।

उन्होंने बताया कि ये काम वह बिजनेस के रूप में नहीं बल्कि आस्था के रूप में करते हैं। इसके अलावा वह काशी विद्यापीठ, लहरतारा, फुलवरिया, रानीपुर और भोजूबीर के रावण के पुतलों का भी निर्माण करते हैं।

विशाल पुतलों में लगेगी भारी सामग्री
विजयोत्सव समिति के रूपक निदेशक एस.डी. सिंह और पुतला निर्माता शमशाद ने बताया कि इस बार रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतलों के निर्माण में भारी मात्रा में सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।
- 200 किलो मैदा
- 150 पीस बांस
- 200 किलो कागज
- डेढ़ कुंतल तांत (रस्सी/बेलनुमा तार)
- 150 पीस साड़ी
- 50 किलो पेंट
- 1 किलो तूतिया (रासायनिक पदार्थ)
इसके अलावा, सभी पुतलों में कुल 200 पटाखे लगाए जा रहे हैं, जिससे रावण दहन का दृश्य और भी रोमांचक व आकर्षक बनेगा।

दो महीने की मेहनत, दस कारीगरों की टीम
शमशाद ने बताया कि इन पुतलों को तैयार करने में लगभग दो माह का समय और 10 कारीगरों की मेहनत लगती है। पुतलों के ढांचे से लेकर अंतिम रंग-रोगन और पटाखों की सजावट तक की प्रक्रिया दिन-रात चलती रहती है।

उत्सुकता का केंद्र बनेगा रावण दहन
हर वर्ष की तरह इस बार भी बरेका का केंद्रीय खेल मैदान दशहरा उत्सव के मौके पर हजारों की भीड़ का गवाह बनेगा। 70 फिट ऊँचे रावण का दहन दर्शकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र रहेगा।
