मौत से दो-दो हाथ! भूकंप से झूलते ऑपरेशन थिएटर में रूस के डॉक्टरों ने कर डाली सर्जरी, VIDEO

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वायरल हो रहे एक वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि भूकंप के दौरान ऑपरेशन थिएटर बुरी तरह हिल रहा था. पूरी बिल्डिंग तेज़ी से झूल रही थी, लेकिन डॉक्टरों ने अपना काम नहीं रोका. वे तब तक जुटे रहे, जब तक कि सर्जरी पूरी नहीं हो गई.

Russia Earthquake: बुधवार की सुबह रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 की तीव्रता का एक भयंकर भूकंप आया. धरती ऐसी कांपी कि लगा सब कुछ हिल जाएगा, लेकिन इस भयानक मंज़र के बीच भी कुछ लोग अपने कर्तव्य से नहीं डिगे. वे थे अस्पताल के डॉक्टर.

कल्पना कीजिए, ऑपरेशन थिएटर ज़ोर-ज़ोर से हिल रहा है, छत से सामान गिरने का डर है, लेकिन डॉक्टर पूरी एकाग्रता से मरीज़ों का ऑपरेशन कर रहे हैं. RT की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जब यह भूकंप आया, तब डॉक्टर कुछ मरीज़ों की सर्जरी कर रहे थे. थिएटर बुरी तरह से हिल रहा था, फिर भी डॉक्टरों ने हिम्मत नहीं हारी और सर्जरी जारी रखी. सबसे अच्छी बात ये है कि ऑपरेशन के बाद सभी मरीज़ पूरी तरह से स्वस्थ हैं.

डॉक्टरों का अटूट हौसला

वायरल हो रहे एक वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि भूकंप के दौरान ऑपरेशन थिएटर बुरी तरह हिल रहा था. पूरी बिल्डिंग तेज़ी से झूल रही थी, लेकिन डॉक्टरों ने अपना काम नहीं रोका. वे तब तक जुटे रहे, जब तक कि सर्जरी पूरी नहीं हो गई. उनके इस हौसले और समर्पण की हर कोई तारीफ़ कर रहा है. वाकई, ऐसी विषम परिस्थिति में भी अपने काम के प्रति इतनी लगन बहुत कम देखने को मिलती है.

प्रशांत महासागर में उठी सुनामी की लहरें

इस शक्तिशाली भूकंप के कारण उत्तरी प्रशांत क्षेत्र में सुनामी की लहरें भी उठीं. अमेरिका के अलास्का और हवाई के साथ-साथ न्यूज़ीलैंड के दक्षिण में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई. हवाई की राजधानी होनोलूलू में तो सुनामी के सायरन बजने लगे और लोगों को ऊंची जगहों पर जाने के लिए कहा गया. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि लगभग 30 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी की पहली लहर होक्काइडो के पूर्वी तट पर नेमुरो तक पहुंच गई थी.

भूकंप के केंद्र, कामचटका प्रायद्वीप के पास रूसी क्षेत्रों में भी काफ़ी नुकसान हुआ है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है. स्थानीय गवर्नर वालेरी लिमारेंको ने बताया कि सुनामी की पहली लहर प्रशांत महासागर में रूस के कुरील द्वीप समूह की मुख्य बस्ती सेवेरो-कुरिल्स्क के तटीय क्षेत्र तक पहुंची थी.

इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि इंसानियत और कर्तव्यनिष्ठा किसी भी आपदा से बड़ी होती है. डॉक्टरों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए दूसरों की जान बचाने का जो उदाहरण पेश किया है.

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