इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में एंट्री करने वाले पहले भारतीय बने शुभांशु शुक्ला, 14 दिन यहीं रहेंगे

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शुभांशु शुक्ला अगले 14 दिनों तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रहेंगे. इस दौरान वे कई वैज्ञानिक प्रयोगों और रिसर्च में भाग लेंगे, जो मानव जाति के लाभ के लिए महत्वपूर्ण होंगे.

Shuhanshu Shukla: स्पेस एक्सप्लोरेशन के क्षेत्र में भारत ने एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर स्थापित किया है. शुभांशु शुक्ला ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में प्रवेश करने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास रच दिया है. यह पूरे देश के लिए गर्व का पल है, जो स्पेस में भारत की बढ़ती शक्ति और भागीदारी का प्रतीक है.

शुभांशु शुक्ला अगले 14 दिनों तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रहेंगे. इस दौरान वे कई वैज्ञानिक प्रयोगों और रिसर्च में भाग लेंगे, जो मानव जाति के लाभ के लिए महत्वपूर्ण होंगे. शुक्ला वहां रहकर सात भारतीय प्रयोगों और NASA के पांच संयुक्त अध्ययनों सहित 60+ वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे.

14 दिन में क्या करेंगे शुभांशु

शुभांशु शुक्ला स्पेस में रहकर ISRO के साथ अन्य भारतीय संस्थानों के सात वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे. ISRO का यह प्रयोग अंतरिक्ष में फसल बीजों के अंकुरण और विकास पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभावों की जांच करेगा. मिशन के बाद बीजों की कई पीढ़ियों में खेती की जाएगी ताकि माइक्रोबियल लोड और न्यूट्रीशन प्रोफाइल में बदलावों की स्टडी की जा सके. इसके अलावा एक प्रयोग जीरो ग्रैविटी में कंप्यूटर स्क्रीन के उपयोग के शारीरिक प्रभावों की स्टडी करेगा. यह प्रयोग आने वाले समय में ISRO के मानव मिशन की तैयारियों के लिए भी मददगार होगा.

NASA के प्रयोगों में भी लेंगे हिस्सा

शुभांशु NASA के पांच संयुक्त अध्ययनों में भाग लेंगे, जो मानव अनुसंधान कार्यक्रम (Human Research Program) के तहत होंगे. इनमें अंतरिक्ष में मानव शरीर पर प्रभाव, नई तकनीकों की जांच, और माइक्रोग्रैविटी में चिकित्सा अनुसंधान शामिल हैं. विशेष रूप से, भारतीय भोजन और पोषण से संबंधित प्रयोगों पर ध्यान दिया जाएगा, जो लंबे समय के अंतरिक्ष मिशनों के लिए डेटा एकत्र करेंगे.

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