Sihora District Demand: एमपी के इस शहर को जिला बनाने की मांग, लगाए नेताओं के पोस्टर, शंख-घंटे बजाकर किया अनोखा प्रदर्शन

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हाइलाइट्स

  • जबलपुर के सिहोरा नगर को जिला बनाने की मांग।
  • बीजेपी संभागीय कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन।
  • शंख-घंटा बजाकर प्रदर्शन, नेताओं के लगाए पोस्टर।

Sihora District Demand: जबलपुर के सिहोरा को जिला बनाने की मांग एक बार तेज हो गई है। अब सिहोरावासी अपनी मांग को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। शुक्रवार को सिहोरा से जबलपुर पहुंचे लोगों ने बीजेपी संभागीय कार्यालय के बाहर शंख, घंटा, मंजीरे बजाकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही कार्यालय के बाहर नेताओं के पोस्टर लगाए गए हैं। लोगों ने प्रदेश के दिग्गज नेताओं की घोषणाओं का हवाला देते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं।

सिहोरा को जिला बनाने की मांग तेज

जबलपुर से 40 किमी दूर सिहोरा को जिला बनाने के लिए कई दिनों से संघर्ष जारी है। अलग जिले की मांग को लेकर सिहोरा के लोगों ने बीजेपी संभागीय कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। लोगों ने सरकार को जगाने के लिए शंख, घंटा और मंजीरे बजाकर नारे लगाए। साथ ही ऑफिस के बाहर पूर्व सीएम शिवराज सिंह समेत कई नेताओं के पोस्टर लगाए हैं। जिसमें लिखा है कि शिवराज सिंह चौहान, स्मृति ईरानी, संतोष बरकड़े और उमा भारती कौन हैं?…

पोस्टर लगाने को लेकर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इन नेताओं ने सिहोरा को जल्द ही जिला बनाए जाने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक सिहोरा जबलपुर से अलग होकर जिला नहीं बना है, इसलिए सरकार को जगाने के लिए शंख, घंटा और मंजीरे बजाकर वादा याद दिलाया है। लोगों ने नेताओं पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।

सरकार तक मांग पहुंचाने का भरोसा

जबलपुर के बीजेपी संभागीय कार्यालय के सामने सिहोरा के लोगों ने दो घंटे तक प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस बल तैनात रहा। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जिले की मांग को सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिया, तब जाकर लोगों ने प्रदर्शन खत्म किया।

अपना वादा भूल गए नेता

सिहोरा के रहने वाले अनिल जैन ने बताया कि कई बड़े नेता जैसे दिग्विजय सिंह, उमा भारती, स्मृति ईरानी, शिवराज सिंह, प्रहलाद पटेल, सांसद आशीष दुबे और विधायक संतोष बरकड़े यह कह चुके हैं कि सिहोरा को जिला बनाया जाएगा। लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। नेताओं को उनके पुराने वादे याद दिलाने के लिए यह प्रदर्शन किया है।

2003 में जारी हुई थी अधिसूचना

उन्होंने आगे बताया कि 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सिहोरा को जिला बनाने का वादा किया था। 2003 में अधिसूचना तैयार हुई थी, लेकिन आचार संहिता लगने की वजह से जिला बनने की प्रक्रिया रुक गई। इसके बाद बीजेपी की सरकार आई, लेकिन सिहोरा को जिला बनाने पर ध्यान नहीं दिया गया।

20 साल से अधूरा जिला बनाने का वादा

सिहोरा के लोगों के अनुसार बीजेपी ने पिछले 20 साल में बार-बार चुनाव से पहले वादा किया, लेकिन जीतने के बाद सब भूल गए। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रसार के दौरान स्मृति ईरानी ने खुद कहा था कि बीजेपी प्रत्याशी जीतता है तो सिहोरा जिला बनेगा। अब संतोष बरकड़े को विधायक बने हुए दो साल हो गए, लेकिन कोई काम शुरू नहीं हुआ। बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने बार-बार जिला बनाने का वादा किया, लेकिन चुनाव जीतते के बाद सारे वादे हवा हो गए।

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा है कि अब किसी भी हालत में सिहोरा को जिला बनवाकर ही रहेंगे। उन्होंने पहले नेताओं को चेताया था कि उन्हें जबलपुर आकर प्रदर्शन करने पर मजबूर न करें, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो वे बीजेपी कार्यालय तक पहुंच गए।

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