Singhada Health Tips: ठंड में सिंघाड़ा खाने के हैं चमत्कारी फायदे, पाचन से लेकर इम्यूनिटी तक हर हिस्से को देता है ताकत

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Singhada Ayurvedic Health Tips: गुलाबी ठंड का एहसास अब होने लगा है। इस मौसम में कई फल और सब्जियां आती है। लेकिन सर्दियों में सिंघाड़ा एक ऐसा मौसमी फल है जो शरीर को नेचुरल एनर्जी और हेल्थ दोनों देता है। यह सिर्फ एक फल नहीं बल्कि पोषक तत्वों का खजाना है, जो पाचन को दुरुस्त करता है, हड्डियों को मजबूत बनाता है और दिल की सेहत में सुधार लाता है।

सिंघाड़ा को कच्चा, उबालकर या सुखाकर खाया जा सकता है। यही वजह है कि इसे भारत के कई हिस्सों में ‘वॉटर फ्रूट’ या ‘एनर्जी बूस्टर’ कहा जाता है।

सिंघाड़े का न्यूट्रिशन प्रोफाइल 

पोषक तत्व मात्रा
कैलोरी 131 kcal
फैट 1.4 ग्राम
संतृप्त वसा 0.3 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम
सोडियम 27 मिलीग्राम
पोटैशियम 715 मिलीग्राम
कार्बोहाइड्रेट 28 ग्राम
प्रोटीन 2 ग्राम
विटामिन C, D, B6, कोबालामिन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में

सिंघाड़ा एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होता है। इसमें मौजूद विटामिन C और मैग्नीशियम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।

सर्दियों में रोज़ाना सिंघाड़ा खाने के फायदे 

Singhada Health Tips: ठंड में सिंघाड़ा खाने के हैं चमत्कारी फायदे, पाचन से लेकर इम्यूनिटी तक हर हिस्से को देता है ताकत
सर्दियों में रोज़ाना सिंघाड़ा खाने के फायदे

पाचन को करता है दुरुस्त

पाचन को करता है दुरुस्तपाचन को करता है दुरुस्त
पाचन को करता है दुरुस्त

सिंघाड़ा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। इसमें मौजूद फाइबर भोजन को आसानी से पचाने में मदद करता है। कब्ज से राहत मिलती है, खासकर सर्दियों में जब पाचन धीमा पड़ जाता है। यह पेट को ठंडक देता है और एसिडिटी की समस्या को कम करता है। क्रॉनिक कब्ज से पीड़ित लोग अगर रोज़ाना 2-3 सिंघाड़े खाएं, तो कुछ ही दिनों में उन्हें आराम मिल सकता है।

शरीर को देता है नेचुरल एनर्जी और ताकत

शरीर को देता है नेचुरल एनर्जी और ताकतशरीर को देता है नेचुरल एनर्जी और ताकत
शरीर को देता है नेचुरल एनर्जी और ताकत

सिंघाड़ा प्रोटीन और मिनरल्स का बेहतरीन स्रोत है। यह मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और थकान को कम करता है। सर्दियों में शरीर को ठंड और कमजोरी से बचाता है। यह बच्चों, बुजुर्गों और रिकवरी के दौर से गुजर रहे मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है. सिंघाड़ा खाने से शरीर में तुरंत एनर्जी मिलती है, इसलिए इसे अक्सर फास्टिंग (उपवास) के दौरान भी खाया जाता है।

इम्यूनिटी को बनाता है मजबूत

इम्यूनिटी को बनाता है मजबूतइम्यूनिटी को बनाता है मजबूत
इम्यूनिटी को बनाता है मजबूत

सिंघाड़े में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स की प्रचुर मात्रा होती है, जो सर्दियों में होने वाले संक्रमण से बचाते हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। नियमित सेवन से सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसी मौसमी बीमारियों से बचाव होता है। यह शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है और कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है।

हड्डियों और दांतों को बनाता है मजबूत

हड्डियों और दांतों को बनाता है मजबूतहड्डियों और दांतों को बनाता है मजबूत
हड्डियों और दांतों को बनाता है मजबूत

 

सिंघाड़ा कैल्शियम और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है। यह हड्डियों की मजबूती बढ़ाता है और जोड़ों के दर्द में राहत देता है ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की बीमारियों के खतरे को कम करता है। बच्चों के दांत और हड्डियों के विकास में सहायक होता है।सर्दियों में नियमित सेवन से जोड़ों की जकड़न और दर्द जैसी समस्याएं कम होती हैं।

दिल की सेहत में लाता है सुधार

दिल की सेहत में लाता है सुधारदिल की सेहत में लाता है सुधार
दिल की सेहत में लाता है सुधार

सिंघाड़ा में पोटैशियम अधिक और फैट कम होता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है। रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे दिल स्वस्थ रहता है। दिल के रोगों और स्ट्रोक के खतरे को कम करता है। सर्दियों में जहां रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है, वहां सिंघाड़ा शरीर को एक्टिव और हार्ट को हेल्दी रखता है।

सिंघाड़ा खाने का सही तरीका 

सिंघाड़ा खाने का सही तरीका सिंघाड़ा खाने का सही तरीका 
सिंघाड़ा खाने का सही तरीका

सिंघाड़ा तीन तरीकों से खाया जा सकता है:

कच्चा सिंघाड़ा: पाचन सुधारने और एनर्जी के लिए सबसे बेहतर।

उबालकर: ठंड से बचाव और शरीर को गर्माहट देने के लिए।

सुखाया हुआ (आटा): लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है, फास्ट या रोटियों में इस्तेमाल करें।

सिंघाड़े का आटा उपवास में खाने के लिए बेहद पॉपुलर है क्योंकि यह हल्का, एनर्जी देने वाला और पचने में आसान होता है।

FAQ

सवाल –  सिंघाड़ा कब खाना सबसे अच्छा होता है?
जवाब –सर्दियों में सुबह या दोपहर के समय सिंघाड़ा खाना सबसे फायदेमंद होता है।

सवाल –   क्या डायबिटीज़ मरीज सिंघाड़ा खा सकते हैं?
जवाब –हाँ, लेकिन सीमित मात्रा में। इसमें शुगर कम और फाइबर अधिक होता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।

सवाल –  सिंघाड़ा कच्चा खाएं या उबालकर?
जवाब –दोनों तरीके से खाया जा सकता है। कच्चा सिंघाड़ा पाचन के लिए अच्छा है, जबकि उबला सिंघाड़ा शरीर को गर्म रखता है।

सवाल –  क्या सिंघाड़ा वजन घटाने में मदद करता है?
जवाब –हाँ, इसमें कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा होता है, जिससे लंबे समय तक पेट भरा रहता है और ओवरईटिंग नहीं होती।

सवाल –   क्या सिंघाड़ा रोज खाना सही है?
जवाब –जी हां, रोज 2-3 सिंघाड़े का सेवन सुरक्षित है और इससे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं।

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