वाराणसी : ज्योतिषाचार्य पंडित शारदा प्रसाद मिश्र की स्मृति में तुलसी घाट पर तर्पण व पौधारोपण

0


वाराणसी। पितृपक्ष के अवसर पर जागृति फाउंडेशन की ओर से संचालित पौधारोपण और पौधा वितरण अभियान के नौवें दिन, मातृ नवमी के शुभ अवसर पर सोमवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के धर्म विज्ञान संकाय के ख्यातिलब्ध ज्योतिषाचार्य पंडित शारदा प्रसाद मिश्र की स्मृति में विशेष आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत तुलसी घाट पर उनके नाम पर तर्पण कर हुई। इस दौरान श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें काशी विश्वनाथ के चरणों में स्थान देने की प्रार्थना की गई।

इसके पश्चात भदैनी स्थित वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के मुख्य द्वार और परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में आचार्य हेमंत त्रिपाठी ‘हंडी गुरु’, विशिष्ट अतिथि के रूप में काशीवासी और काशी विश्वनाथ धारावाहिक के निर्माता दिलीप सोनकर तथा जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने मिलकर आम, पीपल, बेल और तुलसी के पौधे रोपे।

vns

इस अवसर पर दिलीप सोनकर ने कहा कि पितृपक्ष का यह पवित्र पखवाड़ा हमें अपने पूर्वजों की याद दिलाता है। पूर्वजों की स्मृति में पौधा लगाना सबसे श्रेष्ठ कर्म है, क्योंकि यह आने वाली पीढ़ियों को जीवन देने वाला कार्य है। उन्होंने कहा कि यदि हर कोई एक पेड़ अपने पूर्वजों के नाम पर लगाए तो काशी एक बार फिर आनंद और आध्यात्मिकता की नगरी के रूप में जानी जाएगी।

कार्यक्रम संयोजक रामयश मिश्र ने बताया कि यह दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि आज ही ज्योतिषाचार्य पंडित शारदा प्रसाद मिश्र की पुण्यतिथि भी है। उन्होंने कहा कि पंडित जी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वर्णपदक प्राप्त छात्र थे और आगे चलकर धर्म विज्ञान संकाय के ज्योतिष विभाग में प्राध्यापक बने। वे विश्व पंचांग विभाग के संपादन कार्य से भी जुड़े रहे, जिसे महामना मदन मोहन मालवीय के आशीर्वाद से संचालित किया गया था।

पंडित शारदा प्रसाद मिश्र न केवल ज्योतिष के विद्वान थे, बल्कि श्रीमद्भागवत, श्रीरामचरितमानस और वेदों के भी गहन अध्येता थे। उनकी सबसे बड़ी विशेषता उनकी सादगी और निष्कलुष जीवनशैली थी। दरवाजे पर आने वाले किसी भी अतिथि को वे बिना जल और भोजन कराए जाने नहीं देते थे। वे आजीवन गंगाजल का सेवन करते रहे, शुद्ध शाकाहारी भोजन करते थे और सनातन धर्म के प्रति पूर्ण समर्पित थे। तर्पण और पौधारोपण कार्यक्रम में प्रबोधित त्रिपाठी, प्रभाकर त्रिपाठी, हेमंत त्रिपाठी, पांडे गुरु, कमलेश मिश्रा, नितेश सोनकर, विजय सोनकर और रितेश सोनकर सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।








Leave A Reply

Your email address will not be published.