प्राचीन चंडी मंदिर का इतिहास, जिसके नाम पर हुआ सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ का नामकरण
पंचकूला | हरियाणा प्रदेश में अनेक प्राचीन मंदिर है, जिनको लेकर तमाम तरह की धार्मिक मान्यताएं हैं. आज भी श्रद्धालु इन धार्मिक मान्यताओं का सत्कार करते हैं और बड़ी संख्या में मंदिर पहुंच कर शीश नवाते हैं. ऐसी ही एक ऐतिहासिक कहानी पंचकूला में स्थित प्राचीन मंदिर की हैं.
मंदिर के नाम पर हुआ नामकरण
हम यहां पंचकूला के जिस प्राचीन एवं ऐतिहासिक मंदिर की बात कर रहे हैं, उसका नाम चंडी माता मंदिर हैं. बताया जाता है कि पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी या फिर सिटी ब्यूटीफुल कहें, चंडीगढ़ का नामकरण इस मंदिर के नाम से ही हुआ है. माना जाता है कि आजाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और पंजाब के पूर्व राज्यपाल चंदेश्वर प्रसाद नारायण सिंह इस मंदिर के दर्शन के लिए आए थे. मंदिर की भव्यता और धार्मिक महत्त्व को देखकर वे अत्यंत प्रभावित हुए थे.
इस यात्रा के बाद उन्होंने घोषणा करते हुए कहा था कि यहां बसाए जाने वाले नए शहर का नाम चंडी माता के नाम पर रखा जाएगा. मंदिर के पास ही एक प्राचीन किला भी स्थित था, जिसे स्थानीय लोग ‘गढ़’ कहते थे. इस तरह ‘चंडी’ और ‘गढ़’ इन दो शब्दों को मिलाकर इस नए शहर का नाम चंडीगढ़ रखा गया था.
चंडी माता मंदिर का इतिहास
चंडी देवी दुर्गा का एक उग्र रूप है, जो दुष्टों का नाश करने वाली और भक्तों की रक्षा करने वाली देवी मानी जाती है. चंडी माता मंदिर का नाम देवी चंडी के नाम पर रखा गया है, जो इस मंदिर की मुख्य देवी हैं. माना जाता है कि पांडवों ने भी इस स्थान पर देवी की पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया था. चंडी मंदिर, चंडीगढ़- कालका रोड पर स्थित है और चंडीगढ़ शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर है.