काशी के सोनारपुरा में प्राचीन पंडाल में स्थापित हुई मां दुर्गा की प्रतिमा, सोने-चांदी के आभूषणों से हुआ श्रृंगार

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वाराणसी। शारदीय नवरात्र के अवसर पर काशी में दुर्गा पूजा का विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। सोनारपुरा स्थित बंगाली टोला इंटर कॉलेज के सामने वाराणसी दुर्गोत्सव सम्मिलनी द्वारा इस वर्ष भी भव्य दुर्गा प्रतिमा स्थापित की गई है। यह काशी का सबसे पुराना सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडाल माना जाता है।

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प्रतिमा स्थापना से पहले भाग्य पंडाल का निर्माण किया गया, जिसे इलेक्ट्रॉनिक झालरों और रंग-बिरंगी सजावट से आकर्षक रूप दिया गया है। मां दुर्गा का श्रृंगार सोने-चांदी के आभूषणों से किया गया है। संस्था की विशेषता यह है कि मां का मुकुट और नथिया दिल्ली से मंगाई जाती है, जबकि पारंपरिक सोलह श्रृंगार का भी पालन होता है। भक्तों के लिए प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई है। यहां मां को मछली का भोग लगाया जाता है और श्रद्धालुओं को भी इसका वितरण होता है। पंडाल के बाहर नागरिक सुरक्षा प्रखंड भेलूपुर द्वारा विशेष कैंप लगाया गया है, जहां सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।

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इसी तरह, भेलूपुर क्षेत्र स्थित जिम स्पोर्टिंग क्लब में भी वर्षों पुरानी परंपरा के तहत बांग्ला विधि से पूजा हो रही है। यहां 15 फीट ऊंची “चाला मूर्ति” स्थापित की गई है, जिसका श्रृंगार भी सोने-चांदी से हुआ है। पंडाल में बंगाल से आए ढाक वादक अपनी ताल से भक्ति का माहौल और भी जीवंत कर रहे हैं। दोनों पंडालों में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और मां के जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा है।

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