रक्षाबंधन की अनोखी परंपरा, जशपुर में शहीद भाई को सबसे पहले बांधी जाती है राखी

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Rakhi 2025: इस साल 9 अगस्त 2025 को देश भर में भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा का धागा बांधती हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में एक ऐसा गांव है, जहां रक्षाबंधन का त्यौहार कुछ अलग ढंग से मनाया जाता है. यहां गांव की सभी बहनें सबसे पहले एक शहीद भाई को राखी बांधती हैं

जशपुर में राखी की अनोखी परंपरा

Rakhi 2025: इस साल 9 अगस्त 2025 को देश भर में भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा का धागा बांधती हैं, लेकिन लेकिन छत्तीसगढ़ में एक ऐसा गांव है जहां रक्षाबंधन का त्यौहार कुछ अलग ढंग से मनाया जाता है. यहां गांव की सभी बहनें सबसे पहले एक शहीद भाई को राखी बांधती हैं. यह परंपरा सालों से चली आ रही है.

शहीद भाई को सबसे पहले बांधी जाती है राखी

जशपुर के फरसाबहार विकासखंड के ग्राम पेरवाआरा की बहनों ने अपने उस भाई को सबसे पहले राखी बांधी जिसने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया. पेरवाआरा में शहीद बशील टोप्पो की प्रतिमा बनी हुई है. बता दें कि बशील टोप्पो, जो इस गांव के निवासी थे, 19 अगस्त 2011 को नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. उनकी याद में गांव के स्कूल चौक के पास एक प्रतिमा स्थापित की गई है. रक्षाबंधन के अवसर पर गांव की सभी बहनें थाल सजाकर प्रतिमा स्थल पर पहुंचती हैं. बशील टोप्पो की प्रतिमा को राखी बांधकर तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारती हैं.

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गांव में बनाई गई है शहिद की प्रतिमा

ग्रामीणों ने बताया कि बशील टोप्पो की शहादत के बाद ग्रामीणों और शहीद के परिवार वालों की ओर से यह प्रतिमा स्थापित की गई थी. पहली बार साल 2012 में गांव की बहनों ने पहली राखी अपने शहीद भाई को बांधी थी. तब से यह परंपरा हर साल रक्षाबंधन पर निभाई जा रही है. बशील टोप्पो की प्रतिमा के साथ गांव के सभी त्योहार भी मनाए जाते हैं, जिसमें रक्षाबंधन और दीपावली विशेष रूप से शामिल हैं.

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