फरीदाबाद के इस 5000 साल पुराने बंसी मंदिर का द्वापर युग से संबंध, रहस्य से भरा है हर कोना…….

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फरीदाबाद | हरियाणा के फरीदाबाद जिले के नवादा गांव में स्थित बंसी वाले मंदिर का इतिहास द्वापर युग से जुड़ा हुआ है. ऐसी मान्यताएं हैं कि यह मंदिर लगभग 5000 साल पुराना है. 28 एकड़ क्षेत्र में फैले हुए इस मंदिर के प्रति लोगों की अटूट श्रद्धा है. यहां आकर भक्त एक अलग शक्ति और भावनात्मकता को अनुभव करते हैं. जेठ के महीने में यहां हर साल एक विशाल मेले का आयोजन होता है, जहां दूर-दराज से लोग आते हैं.

कमल तालाब बना आकर्षण का केंद्र

ऐसा माना जाता है कि जो लोग यहां आकर परिक्रमा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. यहां आकर कोई भंडारा करता है तो कोई राहगीरों को शरबत पिलाता है. सभी लोग अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार सेवा करते हैं. इससे मंदिर का वातावरण भक्तिमय हो जाता है. यहीं पास में ही एक कमल का तालाब है, जिसे राष्ट्रीय दर्जे का तालाब माना जाता है. इस विषय में जानकारी देते हुए स्थानीय निवासी लेखराज ने बताया कि 12 साल पहले इस तालाब का निर्माण हुआ था.

दुर्लभ औषधीय पेड़ों से घिरा है परिसर

यहां स्थित कई दुर्लभ और औषधीय पेड़-पौधे लगे हुए हैं, जिनमें से कई हजारों साल पुराने माने जाते हैं. यहां कदमखंडी के पेड़ और अन्य जड़ी-बूटी वाले पौधे भी लगे हुए हैं. ऐसा माना जाता है कि इनके सेवन से शरीर की कई बीमारियों का नाश होता है. यहां जन्माष्टमी का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान गांव भर में उत्सव जैसा माहौल होता है.

इस मंदिर के प्रति ग्रामीणों की विशेष आस्था है. गांव के स्थानीय निवासियों और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है. ऐतिहासिक धरोहर होने के नाते भी यह काफी महत्व रखता है.

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