धनी फाइनेंस के नाम पर ठगी करते तीन साइबर बदमाश गिरफ्तार,मोबाइल व डेटा सीट बरामद
0 वारिसलीगंज के कांधा गांव के बधार में गुप्त सूचना पर हुई छापेमारी में मिली सफलता।
फ़ोटो:-प्रेसवार्ता में थानाध्यक्ष व अन्य
वारिसलीगंज, (नवादा) 18 जून 2025 ।
(अभय कुमार रंजन)
नवादा एसपी अविनव धीमान के दिशा निर्देश के बाद स्थानीय पुलिस की गठित छापेमारी टीम सोमवार को थाना क्षेत्र के कोचगांव उसरीपर बधार में तिरंगा भट्ठा के आसपास बरगद के पेड़ के निकट छापेमारी की गई। मौके पर तीन साइबर बदमाशों को सस्ते ऋण उपलब्ध कराने के बहाने ठगी करते गिरफ्तार किया गया। जिसके पास से 04 मोबाइल फोन फर्जी सिम के साथ एवं छह पेज का कस्टर डेटा बरामद किया गया है। इस बाबत मंगलवार को पकरीबरावां के एसडीपीओ महेश चौधरी तथा स्थानीय थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता आयोजित कर जानकारी दी। पुलिस द्वारा कहा कि गुप्त सूचना के आधार पर साइबर अपराधियों के विरुद्ध विशेष छापेमारी की गई है। इस दौरान कोचगांव बधार के उसरीपर तिरंगा भट्ठा के पास बरगद पेड़ की छांव में धनी फाइनेंस समेत अन्य कंपनियों से सस्ते ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने का प्रलोभन देकर ठगी करते तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि कई ठग भाग निकला। गिरफ्तार बदमाशों के पास से प्राप्त मोबाइल फोन्स की सघन जांच के दौरान कई अहम सुराग मिले है। उक्त फर्जी सिम के विरुद्ध ठगे गए ग्राहकों द्वारा साइबर पोर्टल पर छह शिकायत दर्ज रहने की जानकारी मिली है। साथ ही गिरफ्तार बदमाशों में कोचगांव पंचायत की कांधा ग्रामीण उमेश साव का पुत्र राकेश उमेश साव, सुरेश राम का पुत्र पवन कुमार तथा उक्त पंचायत के ही ललपुरा ग्रामीण अरविंद प्रसाद का पुत्र प्रदीप कुमार को गिरफ्तार कर थाना लाया गया। जिसके पास से चार एंड्रॉयड मोबाइल फोन तथा छह पेज का कस्टमर डेटा बरामद किया गया। मौके पर से अन्य कई बदमाश फरार हो गए, जिसकी पहचान कर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है
बुद्धिजीवियों में जताई चिंता
क्षेत्र में बढ़ते सायबर अपराध चिंता का विषय है। क्योंकि इस धंधे में 12 वर्ष के नावालिग से लेकर 40 वर्ष तक उम्र के युवक साइबर ठगी का बजपता प्रशिक्षण प्राप्त कर धंधे को कमाई का मुख्य जरिया बना लिया है। ठगी के धंधे में कई सफेदपोश भी जुड़े है। जिनको अपनी राजनीतिक कार्यक्रमो के लिए धन की आवश्यकता की पूर्ति की जाती है। जबकि कई ठग गया पटना तथा रांची आदि महानगरों के रिहायशी इलाकों में महंगी जमीन खरीद मकान निर्माणकर आराम का जीवन व्यतीत करते हुए वही से धंधे का नेतृत्व कर रहे है।