UP DPharma Counselling: रद्द हुई D.Pharma काउंसलिंग की पूरी प्रोसेस
हाइलाइट्स
- रद्द हुई D.Pharma काउंसलिंग की पूरी प्रोसेस
- हाईकोर्ट ने कहा समय से पहले काउंसलिंग शुरू करना गलत
- राज्य सरकार को नहीं मिली सुप्रीम कोर्ट से अनुमति
UP D Pharma Counselling 2025: उत्तर प्रदेश में D.Pharma पाठ्यक्रम की काउंसलिंग को लेकर एक बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पूरे काउंसलिंग प्रोसेस को रद्द (Quash) कर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि राज्य सरकार द्वारा जारी की गई काउंसलिंग की समय-सारणी सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई समय-सीमा का उल्लंघन करती है।
समय से पहले काउंसलिंग शुरू करना गलत
न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) को संस्थानों को मान्यता देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2025 तक का समय दिया है। कोर्ट ने कहा कि काउंसलिंग इसके बाद ही हो सकती है। हालांकि, राज्य सरकार ने इस समय सीमा से पहले ही काउंसलिंग शेड्यूल जारी कर दिया, जो न केवल गैरकानूनी है, बल्कि छात्रों और संबंधित संस्थानों, दोनों के हितों के खिलाफ है।
यह भी पढ़ें: UP Outsourcing: आउटसोर्स पर काम कर रहे लाखों कार्मिकों के लिए खुशखबरी, जल्द मिलेगा ईपीएफ, ईएसआई, बीमा और पेंशन का लाभ
राज्य सरकार को नहीं मिली सुप्रीम कोर्ट से अनुमति
उच्च न्यायालय ने यह भी रेखांकित किया कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपने निर्देशों में संशोधन के लिए कोई अनुमति नहीं ली। इसके बावजूद, उसने अपने स्तर पर काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी। इस मनमाने कदम के कारण कई संस्थानों को छात्रों के चयन से वंचित होना पड़ा, जिससे उनकी मान्यता और संचालन पर भी असर पड़ा।
PCI को दो हफ्ते में फैसला करने का आदेश
कोर्ट ने PCI को निर्देश दिया है कि जो संस्थाएं मान्यता के लिए आवेदन कर चुकी हैं, उनके मामलों में दो सप्ताह के भीतर निर्णय लिया जाए। इसके साथ ही, कोर्ट ने PCI को यह सुझाव भी दिया कि वह साल-दर-साल की मान्यता देने की बजाय पांच साल के लिए स्थायी मान्यता देने जैसे विकल्प पर नीति तय करे। यह सुझाव मान्यता प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और संस्थानों को अधिक स्थिरता प्रदान करने में सहायक हो सकता है। यह फैसला (D.Pharma) पाठ्यक्रम के छात्रों और संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह काउंसलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता और कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करने पर जोर देता है।
Zubaida Murder Case Hindi News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के काजीवाला गांव में जुबैदा हत्याकांड ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें