वाराणसी अधिवक्ता-पुलिस विवाद : कचहरी और बड़ागांव मामले की होगी मजिस्ट्रियल जांच, तबतक नहीं होगी गिरफ्तारी

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वाराणसी। अधिवक्ता और पुलिस के बीच चल रही तकरार के बीच रविवार को वाराणसी के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने दोनों बार काउंसिल के प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त बैठक की। बैठक में यह सहमति बनी कि कचहरी में घटित हालिया घटनाओं की मजिस्ट्रियल जांच करवाई जाएगी।

कचहरी प्रकरण की जांच का निर्णय
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि कुछ दिन पहले कचहरी परिसर में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी थी, जिसके बाद सेंट्रल बार एसोसिएशन और बनारस बार एसोसिएशन ने 11 सदस्यीय टीम गठित कर जांच शुरू की थी। रविवार को इस टीम के साथ पुलिस अधिकारी, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ने बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि मजिस्ट्रियल जांच के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी और जांच प्रचलित रहने तक किसी भी अधिवक्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।

अन्य प्रकरणों पर भी होगी जांच
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बड़ागांव प्रकरण में अधिवक्ता से अभद्रता की घटना की भी मजिस्ट्रियल जांच होगी। वहीं रथयात्रा में नो-एंट्री की घटना में भी अधिवक्ता को आश्वासन दिया गया कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

सोशल मीडिया और मासिक बैठक की व्यवस्था
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सोशल मीडिया पर कोई भी उत्तेजक पोस्ट तुरंत हटाई जाएगी, चाहे वह किसी पुलिसकर्मी के द्वारा हो या अधिवक्ताओं के द्वारा। इसके अलावा प्रशासन ने घोषणा की कि अधिवक्ताओं के साथ मासिक बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि उनकी समस्याओं का समय रहते समाधान किया जा सके।

मुकदमा वापसी और धारा कम करने पर कोई निर्णय नहीं
प्रशासन ने स्पष्ट किया कि मुकदमा वापसी या किसी धारा में कमी को लेकर कोई निर्णय बैठक में नहीं लिया गया है। सभी कार्रवाई केवल मजिस्ट्रियल जांच के निष्कर्षों के आधार पर की जाएगी। मजिस्ट्रियल जांच के आदेश आज ही जारी किए जाने की संभावना है।
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