वाराणसी : केंद्रीय पूजा समिति का अपील, मूर्ति विसर्जन से गंगा में न फैले प्रदूषण

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वाराणसी। केंद्रीय पूजा समिति ने दुर्गा पूजा के अवसर पर मूर्ति विसर्जन को लेकर एक महत्वपूर्ण अपील जारी की है। समिति ने कहा कि दुर्गा पूजा केवल आस्था का पर्व नहीं है, बल्कि यह हिन्दू धर्म की पहचान और धार्मिक परंपरा का प्रतीक भी है। समिति के अध्यक्ष तिलकराज मिश्रा ने बताया कि मूर्ति विसर्जन केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा है।

समिति ने कहा कि गंगा नदी में मूर्ति विसर्जन का प्राचीन और पवित्र महत्व है। माता गंगा में प्रतिमाओं का विसर्जन न केवल पूर्वजों की स्मृति को सम्मान देता है, बल्कि यह नदी के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को भी दर्शाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मिट्टी की बनी ईको-फ्रेंडली मूर्तियों, जिसमें प्लास्टर ऑफ पेरिस (PoP) का प्रयोग नहीं होता, का विसर्जन गंगा को किसी भी प्रकार से प्रदूषित नहीं करता। मिट्टी प्राकृतिक रूप से नदी में विलीन हो जाती है और यह पारंपरिक रूप से सुरक्षित माना जाता है।

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केंद्रीय पूजा समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि हिंदू समाज की आस्था का सम्मान करते हुए मूर्तियों के प्रदूषण रहित विसर्जन की प्रक्रिया को समर्थन दिया जाए। समिति ने बताया कि देश के विभिन्न प्रदेशों में मिट्टी की मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें केवल प्राकृतिक मिट्टी का प्रयोग होता है और यह पूरी तरह सुरक्षित है।

समिति ने जनसामूहिक समर्थन जुटाने के लिए 29 सितंबर को बलैक आउट अभियान चलाने की योजना बनाई है, जिसमें वाराणसी के प्रमुख व्यापारी संगठन और स्थानीय दुर्गा पूजा समितियां हिस्सा लेंगी। तिलकराज मिश्रा ने कहा कि माता दुर्गा की पूजा अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव से की जाती है, और उनकी मूर्तियों का गंगा में विसर्जन हिंदू जनमानस के लिए भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण है। किसी भी प्रकार की प्रतिबंधात्मक कार्रवाई से हिंदू समाज मर्माहत होगा। समिति ने सरकार से आग्रह किया है कि वे इस धार्मिक परंपरा को सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त बनाए रखने के लिए निर्णायक कदम उठाएं और समाज की भावनाओं का सम्मान करें।








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