खतरे में आदिवासी अस्मिता: तालाब में नहा रहीं महिलाओं से 30 मुस्लिम युवकों ने की छेड़छाड़, ग्रामीणों ने किया कैद

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झारखंड में हेमंत सोरेन की JMM सरकार के दौर में प्रदेश में अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। खासतौर से आदिवासियों के साथ राज्य में दूसरे दर्जे का व्यवहार हो रहा है। धर्मांतरण की खबरों से पूरा सोशल मीडिया पटा हुआ है। अब आदिवासी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ होने लगी है। ऐसा ही मामला प्रदेश के जामताड़ा जिले से सामने आया है। यहां 30 मुस्लिम युवकों ने तालाब में नहीं रही आदिवासी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की है। जब ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया तो सोरेन सरकार की पुलिस उन्हें आजाद कराने के लिए पहुंच गई।

इस घटना के बाद प्रदेश में सियासत भी गरमाई हुई है। भारतीय जनता पार्टी ने इस घटना को हेमंत सरकार के राज में आदिवासी बेटियों की अस्मिता को खतरा बताया है। दूसरी ओर पुलिस से इस घटना को पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग हो रही है।

क्या है पूरी घटना?

घटना रविवार की है। जामताड़ा जिले के एक आदिवासी बहुल गांव में उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब तालाब में स्नान कर रही महिलाओं से कुछ युवकों द्वारा कथित तौर पर अश्लील हरकतें करने की घटना सामने आई। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, जब महिलाएं तालाब में नहा रही थीं ते उसी दौरान बाहर से आए करीब 30 युवकों ने आपत्तिजनक व्यवहार किया।

बताया गया है कि ये युवक मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी युवकों को पकड़कर बंधक बना लिया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को नियंत्रित करते हुए युवकों को ग्रामीणों के कब्जे से मुक्त कराया। फिलहाल मामले की जांच जारी है और पुलिस इस बात की पुष्टि कर रही है कि घटनास्थल पर मौजूद युवाओं की भूमिका क्या थी?

भाजपा ने सरकार को बताया आदिवासी विरोधी

इस घटना के बाद लोग लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं सियासत भी गरमाई हुई है। झारखंड भाजपा ने इसे सरकार का आदिवासी विरोधी चेहरा बताया है। पार्टी ने सोशल मीडिया में पोस्ट किया ‘हेमंत सरकार में आदिवासी बेटियों की अस्मिता खतरे में है। अबुआ राज की मंईयां सम्मान की असली तस्वीर यही है। झारखंड के जामताड़ा में तालाब में नहा रही आदिवासी महिलाओं के साथ 30 मुस्लिम युवकों द्वारा की गई अश्लील हरकत हेमंत सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति का नतीजा है।

भारतीय जनता पार्टी ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि जब से राज्य में महागठबंधन की सरकार स्थापित हुई है तब से की एक समुदाय विशेष का मनोबल चरम पर पहुंच चुका है और नौबत तो यहां तक आ गई है कि गांव की आदिवासी बहु-बेटियां भी अब इनसे सुरक्षित नहीं हैं। यह घटना हेमंत सरकार के आदिवासी विरोधी मानसिकता का स्पष्ट उदाहरण है।

source TFI
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