Virendra Tomar Arrest: छत्तीसगढ़ के कुख्यात वीरेंद्र तोमर की गिरफ्तारी, बनियान और लोअर में पुलिस कस्टडी से पहली तस्वीर आई, भाई रोहित अब भी फरार

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Virendra Tomar Arrest: रायपुर (Raipur) में सूदखोरी (Usury), ब्लैकमेलिंग (Blackmailing) और वसूली (Extortion) के मामलों में चर्चित तोमर ब्रदर्स (Tomar Brothers) में से एक वीरेंद्र तोमर उर्फ रूबी तोमर (Virendra Tomar alias Ruby Tomar) को आखिरकार पुलिस ने मध्यप्रदेश से गिरफ्तार कर लिया। शनिवार रात पुलिस टीम ने ग्वालियर (Gwalior) में छापा मारकर आरोपी को पकड़ा और रविवार को रायपुर लेकर पहुंची। गिरफ्तारी के बाद उसकी पहली तस्वीर सामने आई है, जिसमें वह बनियान और लोअर पहने पुलिस कस्टडी में नजर आ रहा है।

पुलिस का कहना है कि आरोपी को कोर्ट (Court) में पेश किया जाएगा, जहां रिमांड की मांग की जाएगी ताकि उसके ठिकानों और नेटवर्क से जुड़ी और जानकारी मिल सके।

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30 दिनों में दर्ज हुए थे 7 केस

Virendra Tomar Arrest: छत्तीसगढ़ के कुख्यात वीरेंद्र तोमर की गिरफ्तारी, बनियान और लोअर में पुलिस कस्टडी से पहली तस्वीर आई, भाई रोहित अब भी फरार
वीरेंद्र और रोहित तोमर

वीरेंद्र और रोहित तोमर पर पिछले कुछ महीनों में लगातार शिकंजा कसता गया। जून महीने में 30 दिनों के भीतर दोनों भाइयों के खिलाफ सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग और मारपीट (Assault) के कुल 7 मामले दर्ज हुए थे। इनमें एक केस तेलीबांधा थाना (Telibandha Police Station) में और छह पुरानी बस्ती थाना (Purani Basti Police Station) में दर्ज हैं।

इन मामलों के बावजूद पुलिस लंबे समय तक आरोपियों को पकड़ नहीं पाई थी। दोनों भाई एफआईआर के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) भाग गए, फिर दिल्ली (Delhi), राजस्थान (Rajasthan) और बाद में मध्यप्रदेश पहुंच गए।

राजनीतिक नेताओं से मांगी थी मदद

वीरेंद्र तोमर की बनियान और लोअर में पुलिस कस्टडी से तस्वीर

सूत्रों के मुताबिक, फरारी के दौरान तोमर ब्रदर्स ने मध्यप्रदेश में कुछ स्थानीय राजनेताओं (Local Politicians) से मुलाकात कर मदद मांगी थी। इसके बाद वीरेंद्र ग्वालियर में एक किराए के मकान में छिपकर रहने लगा। पुलिस को उसकी लोकेशन कई बार ट्रेस (Trace) हुई, लेकिन वह हर बार स्थान बदलता रहा। आखिरकार रायपुर पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में उसे गिरफ्तार कर लिया।

वीरेंद्र तोमर पर दर्ज पुराने मामले

वीरेंद्र तोमर पर 2006 से अब तक कई गंभीर केस दर्ज हैं। इनमें 2006 में कारोबारी पर चाकू से हमला (Knife Attack), 2010 में व्यापारी से मारपीट (Assault), 2013 में हत्या (Murder) का मामला, 2016 और 2017 में धमकी और मारपीट, तथा 2019 में धोखाधड़ी (Fraud) और ब्लैकमेलिंग के केस शामिल हैं।

वहीं, उसके भाई रोहित तोमर पर भी महिलाओं से ब्लैकमेलिंग, अप्राकृतिक कृत्य (Unnatural Act) और सूदखोरी के कई मामले दर्ज हैं।

हाईकोर्ट ने खारिज की थी जमानत याचिका

हाल ही में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने दोनों भाइयों की अग्रिम जमानत याचिका (Anticipatory Bail) खारिज कर दी थी। हालांकि, अदालत ने उनकी पत्नियों और भतीजे की याचिका मंजूर की थी। अब वीरेंद्र की गिरफ्तारी के बाद पुलिस रोहित की तलाश में जुटी है और उसके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है।

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