ये कौन-सा ग्रह है जो शादी से पहले ही किस्मत पर लगा देता है ताला? ताउम्र कुंवारी रह जाती हैं लड़कियां!

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Kundli Dosh: कई लड़कियां ऐसी होती हैं जिनकी शादी में बार-बार अड़चनें आती हैं। कभी रिश्ता तय होते-होते टूट जाता है तो कभी बिना किसी कारण बात नहीं बनती। बहुत बार लोग इसे ‘मंगल दोष’ मानते हैं, लेकिन असल वजह सिर्फ मंगल नहीं, बल्कि शनि, राहु और केतु जैसे ग्रहों का विशेष योग भी हो सकता है। यदि किसी कन्या की कुंडली में सप्तम भाव (शादी का घर) पर इन पाप ग्रहों का प्रभाव हो या उनका दृष्टिकोण हो, तो शादी में बार-बार रुकावटें आती हैं।

ये दुर्लभ योग बना देते हैं लड़की को ताउम्र अकेला

कुंडली में अगर ‘गुरु चांडाल योग’, ‘कालसर्प योग’ या फिर ‘पितृ दोष’ भी हो तो ऐसे योग विवाह में गंभीर बाधाएं उत्पन्न करते हैं। कुछ स्त्रियों की कुंडली में शुक्र कमजोर होता है, जिससे वैवाहिक सुख मिलना मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि कुछ मामलों में तो ऐसी महिलाओं को अच्छे रिश्ते मिलते ही नहीं या उम्र निकल जाती है इंतजार में। ये दोष सिर्फ विवाह ही नहीं, जीवनभर के रिश्तों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

समाधान भी है इन ग्रह दोषों का, बस सही समय पर पहचान जरूरी

अगर किसी कन्या की कुंडली में ऐसे दोष हैं तो ज्योतिषीय उपायों से राहत पाई जा सकती है। जैसे विशेष मंत्रों का जाप, पवित्र ग्रहों की शांति के लिए अनुष्ठान, और सप्तम भाव को मजबूत करने वाले रत्न धारण करना। कुछ दोषों के लिए रुद्राभिषेक, कन्याओं को भोजन कराना और ब्राह्मण सेवा जैसे उपाय बेहद लाभकारी माने जाते हैं। समय रहते उपाय किए जाएं तो ग्रहों की ये रुकावटें भी हटाई जा सकती हैं और विवाह योग बन सकते हैं।

(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dailynews7 इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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