रात में ज्यादा क्यों रोते हैं नवजात शिशु? जानिए न्यूबॉर्न के दिन में सोने और रात भर जागने की वजह

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Lifestyle News: आपने गौर किया होगा कि नवजात शिशु रात में ज्यादा रोते हैं. साथ ही रात के बजाय दिन में ज्यादा सोते हैं. जानिए इसके पीछे क्या कारण है-

Lifestyle News: नवजात शिशु बोलकर अपनी जरूरतों और भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकते. रोना ही वह तरीका है जिससे बच्चे अपनी जरूरतें बताते हैं. अपने शिशु के रोने पर ध्यान देने से आपको अपने बच्चे को बेहतर ढंग से समझने और उसके साथ भावनात्मक जुड़ाव बनाने में मदद मिलेगी. छोटे बच्चों की नींद का सिस्टम भी पूरी तरह से अलग होता है. वह रात में अक्सर जागते रहते हैं. ऐसा अधिकतर बच्चों के साथ होता है और यह बिल्कुल सामान्य माना जाता है. कई बार परेशानी के चलते भी छोटे बच्चे रोना शुरू कर देते हैं. बाल रोग विशेषज्ञों के मुताबिक न्यूबॉर्न बेबी के सोने का चक्र बड़े लोगों की तुलना में अलग होता है, जिसकी वजह से वे रात में जागते हैं और दिन में आराम से सो जाते हैं.

नवजात शिशु के रात में ज्यादा रोने की क्या है वजह?

मां के गर्भ की आदत

शिशु रोग विशेषज्ञ के मुताबिक नवजात शिशु का जागने-सोने का चक्र कुछ इस तरह होता है कि रात में जागना और दिन में सोना. इसकी वजह यह है कि गर्भावस्था में मां जब दिन में चलती है तो बच्चे को झूला मिलता है और बच्चा आराम से सो जाता है. न्यूबॉर्न बेबी के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है.

पेट में दर्द व गैस

वैसे तो छोटे बच्चों का रोना नॉर्मल होता है, लेकिन रात के वक्त अगर बच्चा ज्यादा रो रहा है, तो इसकी वजह पेट में दर्द और गैस हो सकती है. रात के समय नवजात शिशु को पेट में दर्द ज्यादा होता है और गैस ज्यादा बनती है. आमतौर पर इस वजह से बच्चे ज्यादा रोते हैं.

डाइपर में गीलापन से नींद में असुविधा

विशेषज्ञों की मानें तो नवजात शिशु रात में पेशाब करने के बाद अगर भीग जाएं तब भी रोने लगते हैं. ऐसे में रात में कई बार उनके डायपर को चेक करना चाहिए और जरूरत हो तो बदलना चाहिए.

भूख की वजह से

बच्चे नींद में रोते हैं क्योंकि उन्हें भूख लगती है. शिशुओं के पेट छोटे होते हैं और वे तेजी से बढ़ते हैं इसलिए उन्हें अक्सर भूख लगती है. रात में भी स्तनपान करने वाले नवजात शिशु लगभग हर 2 से 3 घंटे में दूध पीने के लिए उठते हैं और फॉर्मूला दूध पीने वाले शिशु लगभग हर 3 से 4 घंटे में और रोना ही बच्चे के लिए भावना व्यक्त करने का एकमात्र तरीका है. ऐसे में रात में भी बीच-बीच में दूध पिलाएं.

न्यूबॉर्न बेबी का ऐसे रखें ध्यान

  • एक्सपर्ट के अनुसार बच्चों को हेल्दी रखने के लिए उनकी साफ-सफाई का विशेष खयाल रखना चाहिए. बच्चे को गोद लेने से बच्चे अपने हाथ धो लेने चाहिए, ताकि किसी तरह का इंफेक्शन न फैले.
  • अगर घर में किसी को सर्दी खांसी या बुखार हो तो शिशु से दूर रहें या मास्क का उपयोग करें.
  • नवजात शिशु को पेट नीचे करके एक वर्ष तक ना सुलाएं. ऐसा करने से उसकी तबीयत खराब हो सकती है.
  • बच्चों को जन्म के बाद 6 महीने तक केवल स्तनपान करवाना चाहिए. ब्रेस्टफीडिंग के बाद 10 मिनट तक कंधे पर रखकर डकार निकालनी चाहिए.
  • शिशु को रात में अपने साथ सुलाना चाहिए ताकि वह बेहतर तरीके से सो पाए.
  • नवजात शिशु के अधिक रोने पर, स्तनपान कम या ना कर पाने पर, बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. घर पर खुद इलाज करने से बचना चाहिए.
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