ऑपरेशन सिंदूर से प्रभावित हुई हरियाणा की महिला सरपंच, सहायता कोष में देगी 5 साल का मानदेय
झज्जर | पहलगाम में टूरिस्टों पर हुए हमले का प्रतिशोध लेने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर (Operatio Sindoor) के तहत पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. पाकिस्तान और POK में आतंकवादियों के ठिकानों पर सीधी स्ट्राइक कर सशस्त्र बलों ने हर देशवासी को गौरवान्वित किया है. प्रत्येक देशवासी आज भारतीय सेना पर गर्व महसूस कर रहा है. युद्ध जैसे हालात में इंडियन आर्मी की हौसला-अफजाई करने के लिए हरियाणा के झज्जर जिले के गांव परनाला हसनपुर की महिला सरपंच मुकेश अशोक राठी ने शानदार पहल की है, जो चौतरफा सुर्खियां बटोर रही है.
मानदेय सहायता कोष में देने का ऐलान
ऑपरेशन सिंदूर की कायल हुई महिला सरपंच मुकेश राठी ने अपना 5 साल का मानदेय भारत सरकार के सहायता कोष में देने का फैसला लिया है. ग्रामीणों की उपस्थिति में हुई बैठक में उन्होंने यह फैसला लिया है. इस दौरान सभी पंच भी मौजूद रहे. बता दें कि हरियाणा सरकार की ओर से सरपंचों को प्रत्येक महीने 5 हजार रुपए मानदेय मिलता है, जो 5 साल में 3 लाख रुपए होता है.
भारतीय सेना के पराक्रम पर गौरव
सरपंच मुकेश राठी ने बताया कि उन्होंने अपने मानदेय के 3 लाख रुपए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए देने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि मानवता की भलाई के लिए आतंकवाद का जड़ से सफाया होना बेहद जरूरी है. इनके हमलों में सिर्फ हमारे जवान ही नहीं, बल्कि निर्दोष लोगों को भी अपनी जान गंवानी पड़ रही है. महिला सरपंच ने कहा कि एक प्रेरणा स्रोत के तौर पर मोटिवेट करने के लिए उन्होंने यह फैसला लिया है. संकट की इस घड़ी में आज देशवासी तन- मन- धन से भारत सरकार के साथ खड़े हैं. हमें हमारी सेना के पराक्रम पर गौरव हैं.